सत्येंद्र कुमार यादव
शेगांव में डरी हुई लड़की ने मदद मांगी, ‘प्रभु’ ने रक्षा की। इलाहाबाद में लड़की ने सुरक्षा मांगी, ‘प्रभु’ ने मदद की। बैंगलोर में बीमार पिता को ट्रेन से उतारने के लिए बेटे ने गुहार लगाई, ‘प्रभु’ ने ट्रेन रुकवाई। विजयवाड़ा में एक लाचार महिला की गुहार सुनी। बेटे ने पैरालाइज पिता के लिए व्हील चेयर मांगी, ‘प्रभु’ ने मुहैया कराई। वाराणसी में भूखे-प्यासे छात्रों ने भोजन मांगा, ‘प्रभु’ ने भर पेट खाना खिलाया। और 10 दिसंबर को मैंने जब अपने बेटे के लिए दूध मांगा, ‘प्रभु’ ने तुरंत पहुंचाया।
‘प्रभु’ यानि केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु की माया की छाया हमें भी मिली। करीब एक महीने से मैं रेल मंत्रालय की कुछ बहुत अच्छी खबरें पढ़ रहा हूं। ट्विटर पर रीट्वीट और फेसबुक पर शेयर करता हूं। कभी डरी सहमी लड़की की मदद करने की ख़बर तो कभी बूढ़े बाप की मदद करने की ख़बर। आज मैं रेल मंत्रालय के साथ खुद के अनुभव को साझा कर रहा हूं। हालांकि मैं ट्रेन में सवार नहीं था लेकिन एक ट्वीट पर मेरे बेटे के पास रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने गरम-गरम दूध पहुंचा दिया।
9 दिसंबर को ग्राम पंचायत चुनाव के अखिरी चरण के मतदान के दिन वोट देने के बाद मेरा छोटा भाई मेरी पत्नी और 20 महीने के अथर्व को लेकर दिल्ली रवाना हुआ। चूंकि देवरिया और गोरखपुर से किसी भी श्रेणी में टिकट ना मिलने के चलते वाराणसी के मड़ुआडीह स्टेशन से टिकट लेना पड़ा। मड़ुआडीह से ट्रेन पकड़ने के लिए मेरा परिवार देवरिया के लार रोड स्टेशन से दोपहर 2 बजे पैसेंजर ट्रेन में सवार हुआ। करीब पांच घंटे की बोरिंग यात्रा के बाद परिवार वाराणसी सिटी पहुंचा। फिर ऑटो से मड़ुआडीह स्टेशन। ट्रेन नंबर 12581/ MUV NDLS सुपरफास्ट एक्सप्रेस 9 दिसंबर को रात 10.30 बजे खुलने वाली थी लेकिन देर रात 2 बजे मड़ुआडीह से चली। कोहरे की वजह से ट्रेन और लेट होने लगी। 10 दिसंबर की सुबह करीब 6 बजे जब मैंने अपने भाई से लोकेशन के बारे में फोन पर पूछा तो उसने बताया कि ट्रेन अभी इलाहाबाद पहुंची है। आधे घंटे बाद पत्नी से बात हुई। बेटे अथर्व का हालचाल पूछा, उन्होंने बताया कि बाकी तो ठीक है लेकिन दूध खत्म हो गया है। मैंने कहा- दूध खरीदकर पैंट्रीकार में गरम करा लेना। फिर पता चला कि ट्रेन में पैंट्रीकार नहीं है। टिकट बुक करते समय मैंने इस बात का ध्यान नहीं दिया था। फिर मैं बेटे तक दूध पहुंचाने के बारे में सोचने लगा। तभी मुझे ‘प्रभु’ याद आए। ‘प्रभु’ की मदद की कहानियां और खबरें याद आईं। फिर क्या था मैंने भी ‘प्रभु’ के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए सुबह-सुबह (8:07 AM – 10 Dec 2015) गुहार लगा दी।
@sureshpprabhu @RailMinIndia Train No:12581/ MUV NDLS S F EXP में 18 महीने के मेरे बेटे को दूध चाहिए। ट्रेन काफी लेट है। PNR: 2856790486
8:07 AM – 10 Dec 2015
ट्वीट करते ही रेल मंत्रालय के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर मोबाइल नंबर पूछा गया।
Ministry of RailwaysVerified account@RailMinIndia
@ysatyandra@sureshpprabhu pl give ur mobile no. we are making necessary arrangments
9:23 AM – 10 Dec 2015
मैंने तुरंत भाई और पत्नी का मोबाइल नंबर दिया। रेल विभाग के अधिकारियों ने भाई से संपर्क साधा और आश्वासन दिया कि सुबह 10.30 बजे जब ट्रेन कानपुर पहुंचेगी तो दूध मिल जाएगा। लेकिन ट्रेन लगातार देर होती जा रही थी। ऐसे में रेल अधिकारियों ने कानपुर से पहले फतेहुपर में ही नरेंद्र नाम के वेंडर से बेटे अथर्व के लिए गरमा-गरम दूध भिजवा दिया। हालांकि फतेहपुर स्टेशन पर ट्रेन का स्टॉपेज नहीं था, फिर भी 2 मिनट के लिए ट्रेन रोक कर दूध पहुंचाया गया।
Ministry of Railways @RailMinIndia
@ysatyandra @sureshpprabhu @GMNCR1 @drmncrald Train will reach Kanpur stn at 10:30 we have done some arrangement.
9:47 AM – 10 Dec 2015
@RailMinIndia @sureshpprabhu @GMNCR1 @drmncrald धन्यवाद सर/मैडम
9:49 AM – 10 Dec 2015 ·
@ysatyandra @RailMinIndia @sureshpprabhu @GMNCR1Being arranged at FTP. Passenger has been contacted and informed about arrgts at Fatehpur.
11:32 AM – 10 Dec 2015 ·
@ysatyandra @RailMinIndia @sureshpprabhu Milk has been provided to passenger at Fatehpur station.
11:36 AM – 10 Dec 2015 ·
Satyandra Yadav @ysatyandra 19h19 hours ago
@drmncrald @RailMinIndia @sureshpprabhu मेरे बेटे को दूध मिल गया है। रेल मंत्री @sureshpprabhu जी @drmncrald बहुत-बहुत धन्यवाद।
12:10 PM – 10 Dec 2015 ·
Ministry of Railways @RailMinIndia
@ysatyandra @drmncrald @sureshpprabhu Thank you Team railway. We r always at ur service @GM_Nrly IR_@IR_EDTNC
सुबह 8 बजकर 07 मिनट पर मैंने ट्वीट किया और साढ़े तीन घंटे के अंदर करीब सुबह 11.40 बजे ट्रेन में दूध पहुंच गया। फतेहपुर के बाद कानपुर में भी दूध भेजा गया। पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी और ना ही लोग उम्मीद करते थे कि आप रेल मंत्री को ट्वीट करें और ट्रेन में आपकी समस्या दूर हो जाए। अब ऐसा हो रहा है। अब महसूस हो रहा है कि कुछ बदलाव हो रहे हैं और रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल को राह पर ला रहे हैं। हालांकि अगर ट्रेन समय पर होती तो इन सब चीजों की जरूरत नहीं होती। फिर भी सुरक्षा को लेकर जो कदम रेल मंत्रालय उठा रहा है उसकी तारीफ होनी चाहिए। केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्रालय और @drmncrald वी के त्रिपाठी जी को मदद के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
सत्येंद्र कुमार यादव, फिलहाल इंडिया टीवी में कार्यरत हैं । माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता के पूर्व छात्र। सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता से आप लोगों को हैरान करते हैं। उनसे मोबाइल- 9560206805 पर संपर्क किया जा सकता है।
very good effort by railway!!
Waah agar Aisa hua Hai to lag Raha Hai ki Acche din aa rahe hain, Warna…
एक आम आदमी को और क्या चाहिए? वक़्त पर मदद मिल जाये बस! इसमें कोई शक़ नहीं है कि अभी भारतीय रेलवे भगवान भरोसे नहीं प्रभु भरोसे चल रही है.