कीर्ति दीक्षित
सफलता के लिए मेहनत के अलावा कोई और फलसफा नहीं होता। यदि आपकी मेहनत और लगन सच्ची है तो पहचान मिलेगी ही। &टीवी के चर्चित सीरियल ‘भाबी जी घर पर हैं’ में दरोगा हप्पू सिंह का किरदार निभाने वाले योगेश त्रिपाठी बुंदेलखंड के छोटे से कस्बे के रहने वाले हैं। दिखने में भी साधारण लेकिन आज उनकी चर्चा घर-घर में हैं, हप्पू सिंह के किरदार ने उन्हें हर दिल अजीज बना दिया। बुंदेलखंड से मुंबई तक के सफ़र पर बदलाव के लिए हप्पू सिंह से बात की कीर्ति दीक्षित ने।
बदलाव- नमस्कार योगेश जी, आपको बहुत-बहुत बधाई आपका शो ‘भाबी जी घर पर हैं’ काफी पसंद किया जा रहा है।योगेश जी, सबसे पहले आप अपने आरंभिक जीवन के बारे में कुछ बताइए ?
हप्पू सिंह– मैं उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की राठ तहसील का रहने वाला हूँ। बुंदेलखंड का छोटा सा क़स्बा है, अपने गृहनगर से ही मैंने बी.एससी की पढ़ाई की। मेरा पूरा परिवार शिक्षा के क्षेत्र से जुडा है। मेरे पापा फिजिक्स के टीचर थे। भैया भाभी भी इसी क्षेत्र से जुड़े हैं। इसलिए मेरे लिए भी परिवार ने यही सोच रखा था। लेकिन नौकरी मिलना इतना सहज नहीं रह गया था और मैं शुरू से कुछ अलग करना चाहता था। मैंने अभिनय के क्षेत्र में अपने आप को आजमाने का इरादा कर लिया।
बदलाव – जैसा कि आपने बताया आपका पूरा परिवार शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय है। एक बिल्कुल अलग राह पर चलने के लिए आपने अपने परिवार को कैसे मनाया ?
हप्पू सिंह– पापा काफी चिंतित रहते थे, क्योंकि मैं छोटी सी जगह का रहने वाला, साधारण सा दिखने वाला लड़का था। ऐसे में छोटे पर्दे की दुनिया में जगह बनाना काफी बड़ी चुनौती थी। फिर भी मुझे मेरे परिवार को मनाने के लिए कोई मेहनत नहीं करनी पड़ी, मेरे पापा ने मेरा बहुत सहयोग किया और मम्मी तो खुद फिल्मों की बड़ी शौक़ीन थी। हमारे कस्बे में फ़िल्में परदे पर देखना मुश्किल होता था तो मम्मी जब भी नानी के यहाँ झाँसी जाती तो मुझे एक एक दिन में तीन-तीन शो दिखाती थी, तो उनकी तरफ से भी कोई मेहनत नहीं करनी पड़ी। हालाँकि जब मैं मुंबई में स्ट्रगल कर रहा था तो बहुत से लोगों ने कहा लौट आओ कुछ काम धंधा करो लेकिन परिवार का सहयोग मिलता रहा और मैंने हार नहीं मानी उसी का फल है की आज कुछ थोडा कर पा रहा हूँ ।
बदलाव- अपने एक्टिंग कैरियर की शुरुआत कैसे हुई ?
हप्पू सिंह– जब मैं पढ़ता था तब हमारे नगर में ही संस्कार भारती नामक एक संस्था थी जिसमें मैं नाटक में भाग लिया करता था, मेरा चाव भी था इस तरफ । पहली बार जब नौकरी के लिए रेलवे का पेपर देने मुंबई आया तो यहाँ अभिनय की विभा के विषय में बहुत सी जानकारियां हासिल की । लोगों से मिला तो पता चला यहाँ बहुत संघर्ष है बिना तैयारी के यहाँ आना सही नहीं है, बस वहीं से मैंने अपना रास्ता तय कर लिया । मैंने लखनऊ में थिएटर किया, नुक्कड़ नाटक किये, नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से तीन महीने की वर्कशॉप की, एक्टिंग की बारीकियां सीखीं। 2001 से 2005 तक लगातार मैंने थिएटर किया, लगभग एक हजार स्ट्रीट प्ले, और 300 से 400 नाटक किये तब जाकर कहीं भीतर की झिझक निकली ।
बदलाव- एक कस्बे से आकर मुंबई में पैर जमाना जाहिर है मुश्किलों भरा रहा होगा, ऐसे में मुंबई का सफ़र कैसे शुरू किया ?
हप्पू सिंह- 16 जुलाई 2005 को मैं मुंबई आ गया था, उसके बाद से संघर्ष शुरू हुआ, मुझ जैसे साधारण से दिखने वाले व्यक्ति के लिए अपनी पहचान बनाना बहुत मुश्किल था, बहुत भटका पोर्टफोलियो लिए दिन-दिन भर स्टूडियोज के चक्कर लगाता था । करीब 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद एक क्लोरोमिंट का विज्ञापन मुझे मिला, इसके बाद मैंने लगभग 57 विज्ञापन किये, टीवी सीरियल में पहला ब्रेक मुझे 2010 में एक मशहूर सीरियल FIR से मिला, इसमें चरित्र किरदार के लिए चुना गया, पहले एक एपिसोड के लिए मुझे लिया गया था, मेरा काम पसंद आया तो लगभग 600 एपिसोड में अभिनय का मौका मिला । जनता ने मुझे काफी पसंद किया, फिर सब टीवी के पीटरसन हिल में काम किया इसी बीच मुझे ‘भाभी जी घर पर हैं’ में दरोगा के चरित्र के लिए चुना गया । हालाँकि इस किरदार के लिए मेरा चुनाव थोड़ा अटपटा लगा था, लेकिन मेरे डायरेक्टर ने मुझ पर भरोसा दिखाया ।
बदलाव- हप्पू सिंह के बारे में कुछ बताइए, कैसे गढ़ा गया ये किरदार ?
हप्पू सिंह- हप्पू सिंह ये वो किरदार है जिसने मुझे नई पहचान दी । जब मेरे पास हप्पू के किरदार का प्रस्ताव आया तो मैं असमंजस में था । मैं दिखने में इतना साधारण और मेरे लिए दरोगा का किरदार, मन हिचक रहा था लेकिन डायरेक्तट संतोष जी ने भरोसा दिलाया और कहा कुछ अलग करके देखते हैं, मैंने कहा बुन्देलखंडी बोली का प्रयोग करके देख सकते हैं और मैंने बोल के भी बताया तो उन्होंने उसे तुरंत स्वीकार कर लिया और आज देखिये लोगों को यही बुन्देलखंडी में न्योछावर मांगने वाला हप्पू सिंह खूब भाता है ।
बदलाव- आज की इस आपा-धापी भरी जिंदगी में लोगों को हँसाना सहज नहीं है, कैसे तयारी करते हैं?
हप्पू सिंह- सही कहा आपने, लोगों को हँसाना आज की तारीख में सबसे मुश्किल काम है और मेरी समझ में ये पुण्य का काम भी है, बहुत मेहनत करनी पड़ती है, दर्शक के दिमाग को पढ़ना आसान तो नहीं, लेकिन हम ये कर पा रहे हैं यही हमारी उपलब्धि है ।
बदलाव- योगेश जी, आप पर जनता खूब प्यार की ‘न्योछावर’ कर रही है, ये सफलता कैसी लग रही है?
हप्पू सिंह- इसमें क्या कहूँ अभी तो सफलता की पहली सीढ़ी पर भी नहीं आया, लेकिन लोगों को गुदगुदा पा रहा हूँ ये बड़ी बात है । परिवार और आस-पास के लोग जो कल तक मुझे लौट आने की सलाह देते थे अब वे भी मेरी तारीफ़ करते हैं, बहुत अच्छा लगता है, आदर मिलता है , प्यार मिलता है तो ख़ुशी तो होती ही है, लेकिन अभी सफल हुआ हूँ ऐसा नहीं मानता मैं, अभी तो बहुत मेहनत करनी है ।
बदलाव- भविष्य की क्या योजनायें हैं ?
हप्पू सिंह- फ़िलहाल तो अभी यहीं व्यस्त हूँ, साथ में एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘दिल फिरे’ की शूटिंग भी पूरी की है, अभी तो बस यही योजना है कि लोगों को हंसाता रहूँ और आप सब मुझे ऐसे ही ‘न्योछावर’ देते रहिये ।
बदलाव- अंतिम सवाल योगेश जी, आप एक छोटी जगह से आते हैं जाहिर है वहां के युवा आपको देखकर प्रेरित होते हैं ऐसे में उनके लिए आप क्या सन्देश देंगे ?
हप्पू सिंह- इस क्षेत्र में बहुत ज्यादा संघर्ष है, सफलता की गारंटी भी नहीं, कुछ लोग यहाँ दसों सालों से रह रहे हैं लेकिन एक एपिसोड में भी नहीं दिखे, कुछ लोग तो पागल तक हो गये, ये दुनिया जीतनी चमकीली दिखाई पड़ती है उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल है, फिर भी कहूँगा मेहनत में कमी मत कीजिये सफलता मिलेगी बस उसके लिए यहाँ पूरी तरह से तैयार होकर प्रशिक्षित होकर आयें, बिना अपने आपको ट्रेनिंग दिए यहाँ आना कोई फल नहीं देगा ।
कीर्ति दीक्षित। उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले के राठ की निवासी। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रहीं। पांच साल तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों में नौकरी की। वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता। जीवन को कामयाब बनाने से ज़्यादा उसकी सार्थकता की संभावनाएं तलाशने में यकीन रखती हैं कीर्ति।
Jabardust…. Nice Happu singh ji…..
राठ नगर के लोगो को आप पर गर्व हैं हप्पू सिंह जी
Mera dost yogesh!! Bulandiyan tumare kadam chume.
All the best
… You are doing great job…Happu ji
we r proud of u mr happu singh ji…
shaandaar
jabardast ,…
jindabaad…..
sabse pahle kirti ji badhai…yak achchhe kirdar se rubaru karaya. thanx
काये भज्जा खोबई मोज ले राये बम्बई में
बहुत अच्छे हप्पू सिंह जी।……..…..