औरंगाबाद के गांव बरपा में ग्रामीण T-20 का डे-नाइट रोमांच

टीम बदलाव

IMG-20160329-WA0005देश में टी-20 का रोमांच है। कोहली की गोली और माही की जय-जय जैसे उदघोष हो रहे हैं। शहरों में कैमरों के सामने हज़ारों-लाखों लोगों का जुनून कैद हो रहा है। लेकिन क्रिकेट को लेकर कुछ ऐसा ही रोमांच गांवों में भी है, जो कई बार दर्ज ही नहीं हो पाता। अब इसे महज संयोग कहें या कुछ और, टी-20 के विश्व कप के बीच क्रिकेट का एक टूर्नामेंट औरंगाबाद के गांव बरपा में हुआ और हज़ारों लोग इसमें शरीक हुए। कुछ क्रिकेट के मैदान में तो कुछ दर्शक दीर्घा में। ये गांवों में क्रिकेट के रोमांच की एक बानगी भर है।

sandeep sharma 29 march-2ढाई आखर फाउंडेशन की ओर से एक बार फिर गांव बरपा में डे नाइट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। इसे लेकर गांव में एक हफ़्ते से काफी हलचल थी। एक तरफ टी-20 की टीमों को लेकर ग्रामीण युवा बातें करते तो वहीं दूसरी तरफ DAF नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग ले रही 12 ग्रामीण टीमों को लेकर भी चर्चाएं हो रहीं थीं। इसके लिए पिच तैयार की गई। गांव-गांव घूमकर प्रचार प्रसार किया गया। और इन सबका अपना ग्रामीण अंदाज वाकई काबिले तारीफ है।

IMG-20160329-WA000428 मार्च की शाम। बरपा का क्रिकेट ग्राउंड दुधिया रौशनी से नहा उठा। लोगों की खुशी का ठिकाना न था। एक तरफ क्रिकेट का जुनून तो दूसरी तरफ गांव में जल उठीं फ्लड लाइट्स को लेकर गर्व का एहसास। फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी ‘पंचलाइट’ जिन्होंने पढ़ रखी है, उन्हें बखूबी एहसास होगा कि नई तकनीक को लेकर गांवों में कैसी बेसब्री और कौतूहल हुआ करता है। कुछ ऐसा ही कौतूहल बरपा में भी नज़र आया।

IMG-20160329-WA0006ग्रामीण क्रिकेट टूर्नामेंट में 16 टीमों ने हिस्सा लिया। करीब ढाई सौ ग्रामीण युवाओं को इस टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिला। बरपा की टीम को इस बार विजेता का खिताब मिला। खिताबी जीत से परे तमाम युवाओं का फ्लड लाइट में क्रिकेट खेलने का सपना जरूर पूरा हुआ और इसे ही वो अपना खिताब मान रहे हैं। 2014 से ही ढाई आखर फाउंडेशन हर साल DAF नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन कर रहा है। इस बार कुछ शहरी और कस्बाई टीमों को भी टूर्नामेंट में शामिल होने का मौका मिला। मकसद गांव के युवाओं को ये एहसास कराना कि वो किसी से कमतर नहीं हैं।

टूर्नामेंट में शामिल 16 टीमें में माहौर की टीम थी तो पोखरा बीघा की भी। डेहरी-ऑन-सोन के युवा थे तो गया की टीम भी चौके-छक्के लगा रही थी।  फाइनल मुकाबला बरपा और गया की टीम के बीच हुआ। मैच कितना रोमांचक रहा होगा, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हार-जीत का फ़ैसला महज एक रन के फासले से हुआ। बरपा के कप्तान सुशील कुमार गांव के नए माही बन कर उभरे। वहीं गया के अंकुल कुमार को मैन ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया।


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