फसलों का ‘समर्थन मूल्य’ किसानों के साथ ‘धोखा’

ब्रह्मानंद ठाकुर ‘यहां तक आते आते सूख जाती है नदियां, मुझे मालूम है, पानी कहां ठहरा होगा।’ दुष्यंत जी की

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धान ‘छूट’ हे सरकार… धान ‘छूट’ हे !

पुष्यमित्र फरवरी महीना खत्म होने वाला है । राजधानी पटना में पक्ष-विपक्ष के बीच धान खरीद को लेकर रोज तू-तू, मैं-मैं जारी

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