गांव मांगें केरोसिन से ‘आज़ादी’ ?

गांव मांगें केरोसिन से ‘आज़ादी’ ?

चंद्रशेखर सिंह

भारत की कुल जनसंख्या की लगभग दो तिहाई आबादी आज भी गांवों में बसती है। 2011 की  जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक 43 फ़ीसदी ग्रामीण परिवार कैरोसीन का इस्तेमाल अपने घरों को प्रकाशित रखने के लिए करते हैं। इसका मतलब ये कि ग्रामीण भारत में केरोसिन सब्सिडी को मुख्य रूप से इस्तेमाल घरों को रौशन रखने में हो रहा है। मिट्टी का तेल एक ख़राब ईंधन है, जो घर में वायु प्रदूषण फैलाने का काम करता है,  जिसका महिलाओं और बच्चों की सेहत पर काफी बुरा असर होता है। ग्रामीण गरीबों के लिए प्रकाश व्यवस्था का बेहतर ऊर्जा स्रोत मुहैया कराे से न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार होगा बल्कि केंद्र सरकार पर भी सब्सिडी का बोझ कम होगा।

एनएसएसओ की 68वीं रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण भारत में प्रति व्यक्ति मासिक केरोसिन की खपत 0.534 लीटर थी, इसका मतलब ये कि भारत में प्रति माह लगभग 444.82 मेगा लीटर पीडीएस केरोसिन की खपत होती है। 2013 में प्रति लीटर 34.8 रुपये की सब्सिडी को जोड़ें तो सरकार की ओर से ग्रामीण भारत के लिए सालाना लगभग 18600 करोड़ की सब्सिडी इस मद में दी जा रही है। इस तरह के हालात में, अगर प्रचलित केरोसीन लैंप के विकल्प के तौर पर हम सौर लालटेन, जो एलईडी या सीएफएल तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बनाई गई हो, का इस्तेमाल करें तो सरकार की सब्सिडी का बोझ काफी हद तक कम होगा। इससे भारतीय गांवों में प्रकाश के ऊर्जा स्रोत में भी सुधार होगा।

अगर ग्रामीण परिवारों के औसत सदस्यों की तादाद 5.5 भी मान लें तो इसका मतलब है कि हर घर में केरोसिन की खपत लगभग 35.24 लीटर प्रति वर्ष होगी। प्रत्येक परिवार के लिए केरोसिन सब्सिडी पर सालाना 1,226.35 रुपये का खर्च आएगा। यदि यह राशि प्रत्येक घर के लिए केरोसीन के बजाय दो सौर लालटेन उपलब्ध कराने पर खर्च की जाती है, तो लागत 2000 रुपये से लेकर 3,000 तक होगी। सब्सिडी की बचत से इस लागत की भरपाई महज तीन साल में ही हो जाएगी। इस प्रकार की अभिनव योजना से न केवल केरोसिन सब्सिडी में सरकार के खजाने को भारी बचत होगी, बल्कि भारत के गांवों में एक स्वच्छ और अधिक आधुनिक प्रकाश व्यवस्था का भी इंतजाम हो जाएगा।


चंद्रशेखर सिंह। मोतिहारी, बिहार के निवासी। आप ऊर्जा अर्थशास्त्री के तौर पर शोध और अध्ययन से जुड़े हैं। एम एस यूनिवर्सिटी, बड़ौदा से पीएचडी जारी। ग्रामीण भारत के विकास के संकल्प के साथ प्रयासरत शख्सियत।

One thought on “गांव मांगें केरोसिन से ‘आज़ादी’ ?

  1. Very informative article…ankh khol dene wala..aur kafi badhiya sujhav ke sath…sarkar ke saath saath isme humlog ko personal level par bhi oogo ko jagruk karne ki jarurat hai..

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