भोर अलग है, शोर अलग है…

भोर अलग है, शोर अलग है…

नीलू अग्रवाल

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फोटो- मधुरेंद्र कुमार, दिल्ली के चांदनी चौक में स्वतंत्रता दिवस पर जोश देखते ही बना।

आज स्वतंत्रता दिवस की
भोर अलग है
हो रहा जो गलियों में
शोर अलग है
ग़रीबी, घोटाले, भ्रष्टाचार
कश्मीर, गुरुमाता, नक्सलवाद
का शोर मचाकर
सो रहा जो सीनाजोर अलग है
कहो भाई क्या लगता तुम्हे
यह नफ़रत का दौर अलग है?
पर देखो वो अंकुरित बीज
जा रहे स्कूलों की ओर
झंडा फहराने
मुझे लगे हैं, सेम टू सेम
वैसे ही बिलकुल वैसे ही।


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नीलू अग्रवाल। नीलू ने हिंदी साहित्य से एमए और एमफिल की पढ़ाई की है। वो पटना यूनिवर्सिटी से ‘हिंदी के स्वातंत्र्योत्तर महिला उपन्यासकारों में मैत्रेयी पुष्पा का योगदान’ विषय पर शोध कर रही हैं।