पूर्णिया में दहशत में क्यों है एक दलित परिवार?

बासु मित्र

basumitra-1पूर्णिया के मरंगा गांव और न्यू सिपाही टोला के बीच के बियाबान में बने एक झोपड़े के आगे एक टैंट लगा है। इस टेंट के नीचे एक एसआई और चार सिपाही इस भीषण ठंड में पुआल से बने बिछावन पर चिथड़ी रजाई ओढ़े लेटे हुए हैं। इन पर एक दलित परिवार को इस इलाके के कुख्यात अपराधी अवधेश मंडल के कहर से बचाने की जिम्मेदारी है। अवधेश मंडल जो रुपौली विधानसभा की मौजूदा विधायक बीमा भारती के पति हैं। फैजान नामक समूह के प्रमुख हैं। उन पर 40 से अधिक आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। उनके ख़िलाफ़ हत्या, अपहरण और रंगदारी समेत कई मुकदमे दर्ज हैं।

basumitra-2मरंगा के इस दलित परिवार के मुखिया चंचल पासवान की हत्या करने का आरोप भी अवधेश मंडल और उनके गिरोह पर है। मरहूम चंचल पासवान के पुत्र सुनील पासवान कहते हैं कि पिछले दिनों अवधेश मंडल ने खुद उन्हें और उनकी मां को धमकी दी थी कि या तो उनके पक्ष में गवाही दें या वे पूरे खानदान को खत्म कर देंगे। गौरतलब है कि इसी मामले में पिछले दिनों अवधेश मंडल की गिरफ्तारी मरंगा थाना में हुई थी। मगर आरोप है कि जदयू विधायक बीमा भारती और जदयू सांसद संतोष कुशवाहा की मौजूदगी में अवधेश मंडल थाने से भाग निकले। हालांकि मीडिया के दबाव के बाद अवधेश मंडल को फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। दहशत में आया दलित परिवार इलाके से पलायन करने की तैयारी में जुटा तो पुलिस और प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई।

37 वर्षीय सुनील पासवान जो चंचल पासवान के बड़े लड़के हैं, कहते हैं यह कहानी 1988 में शुरू हुई जब उनके पिता समेत 60-70 भूमिहीन दलित परिवारों को जिले के भवानीपुर प्रखंड के डुमरा में सरकार की ओर से जमीन दी गयी थी। वह 110 एकड़ का प्लॉट था, जो वहां के जमींदार नुनू राय से लैंड सीलिंग के तहत लिया गया था। दलित परिवारों को खेती के लिए जो जमीन दी गयी, उस पर स्थानीय दबंगों की बुरी निगाह जा लगी। कहते हैं, अभी वे लोग पांच साल भी जमीन जोत नहीं पाये थे, कि अवधेश मंडल के फैजान गिरोह ने दलितों को डरा धमका कर उनसे जमीन छीनना शुरू कर दिया। सुनील कहते हैं कि उनके बड़े बाबूजी कैलाश पासवान और उनके पिता चंचल पासवान ने इन लोगों का विरोध किया। अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन एक्शन नहीं हुआ। फैजान गिरोह से दुश्मनी का नतीजा ये हुआ कि 2004 में पहले कैलाश पासवान की हत्या कर दी गयी और फिर 2005 में उनके पिता चंचल पासवान की हत्या कर दी गयी। परिवार में दूसरी हत्या के बाद सभी ने क़ानूनी लड़ाई की हिम्मत जुटाई।

basumitra-3सुनील पासवान के मुताबिक दस साल बाद अब जाकर इस मामले की सुनवाई शुरू हुई है और अब उनकी मां सोनिया देवी की गवाही होनी है। अवधेश मंडल और फैजान गिरोह के दूसरे लोग कई दिनों से फोन पर और उनके घर आकर उन्हें धमकी दे रहे हैं कि या तो उनके पक्ष में गवाही दें या पूरे खानदान को मिटा देंगे। और तो और जेडीयू विधायक बीमा भारती ने उनके परिवार के लोगों पर मुकदमा कर दिया है कि अवधेश मंडल को जान से मारने की कोशिश की है। रोचक तथ्य यह है कि भवानीपुर के उस 110 एकड़ की जमीन पर जो दलितों के बीच 28 साल पहले बांटी गयी थी, आज भी कब्जा फैजान गिरोह का ही बताया जा रहा है। विडंबना तो यह है कि कथित तौर पर फैजान गिरोह की स्थापना जमीन्दारों से जमीन छीन कर गरीबों के बीच बांटने के लिए की गयी थी, मगर उक्त संगठन ने दलितों की जमीन छीन कर खुद हड़प ली है।


basu profile

बासु मित्र। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्व विद्यालय के पूर्व छात्र। कई स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े रहे। अख़बारों में नौकरियों के बाद इन दिनों समाज सेवा और स्वतंत्र लेखन।