समान शिक्षा ही समाज में समानता का बेहतर विकल्प

शिरीष खरे ‘स्कूल चले हम’ कहते वक्त अलग-अलग स्कूलों में पल रही गैरबराबरी पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता। एक

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