पटाखे धीरे चलाओ, स्क्रीन हिली तो सीटें कम हो जाएंगी!

धीरेंद्र पुंडीर ये जीत का जश्न फीका है, ये हार का स्वाद मीठा है। ये गुजरात की उलटबांसी है। सिर्फ

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पीएम साहब! जानबूझकर शल्य को सारथी मत बनाइए न

सुदीप्ति महाभारत मेरी रुचि का विषय है इसलिए जब एक भाषण में माननीय प्रधानमंत्री ने ‘शल्य’ का नाम लिया और

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खाये पिये कुछ नहीं, गिलास फोड़े बारह आना

राकेश कायस्थ अक्टूबर 2015 की बात है। बिहार के चुनावी तमाशे के बीच अचानक एक एमएमएस सामने आया। औघड़ सरीखे

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सूबे में 15 साल, केंद्र में 3 साल… अब ‘सुकमा अटैक’ क्यों?

अमरेंद्र गौरव ”सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी पर हमें गर्व है और उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी”। सुकमा में बड़े नक्सली अटैक

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ये डर ग़लत साबित कर पाएंगे योगीजी?

प्रिय आदित्यनाथ योगी जी , मेरा नाम विनोद कापड़ी है। अच्छा लगता है, इसलिए थोड़ी बहुत पत्रकारिता करता हूँ और

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सियासी फलक पर उम्मीदों और सवालों से घिरी ‘मोदी की बीजेपी’

रामजी तिवारी भारतीय जनता पार्टी के बारे में लिखना अपेक्षाकृत कठिन होता है। कारण यह कि इस पार्टी के बारे

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