प्रधानमंत्री की योजना के नाम पर बेटियों से ठगी

प्रधानमंत्री की योजना के नाम पर बेटियों से ठगी

साकेंतिक फोटो- साभार- गुगल

ब्रह्मानंद ठाकुर

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और प्रधानमंत्री आयुष्यमान भारत योजना में ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार युवकों को नौकरी के नाम पर कतिपय जालसाज गिरोहों द्वारा ठगी और धोखाधडी का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। ऐसे जालसाज गिरोह  पहले तो विभिन्न अखबारों में इस आशय का क्लासिफायड विज्ञापन देते हैं। उस विज्ञापन में  मोबाईल नम्बर दिया होता है। उस नम्बर से इच्छुक  व्यक्ति को बात करने को कहा जाता है। उसके बाद  उसे अपने जाल मे फंसा लेता है। मुजफ्फरपुर जिले के पियर थाना क्षेत्र की एक छात्रा  काजल कुमारी को इसी तरीके से प्रधान मंत्री कौशल विकास कार्यक्रम के तहत ठगी का शिकार होना पडा है।

काजल, मुजफ्फरपुर।

काजल कुमारी ने दैनिक जागरण अखबार ( मुजफ्फरपुर संस्करण ) के दिनांक 25/ 9 /2018  के अंक मे पृष्ठ 8 पर क्लासिफाइड विज्ञापन जो कौशल विकास योजना डाटा एन्ट्री हेतु प्रकाशित है,  पढने के बाद उसमें दिए गये मोबाईल नम्बर 9955320509 एवं 7257847593  पर  28/9/2018 को सम्पर्क किया। वहां से  उसे बताया गया कि  उसे इसके लिए कोई खर्च नहीं देना होगा। और यह भी बताया कि  वह अपना शैक्षिक प्रमाण पत्र, खाली पन्ने पर दो हस्ताक्षर, दो पासपोर्ट साईज फोटो, आधारकार्ड और अपना कॉन्टैक्ट नम्बर व्हाट्सएप नम्बर 9570463396 पर या इमेल pmkvyol23@gmail.com पर भेज दें। उसने अपना सारा कागजात उस ईमेल आईडी पर  2/10/18 को भेज दिया।   काजल के पास  हाइटेक मोबाईल नहीं है इसलिए  उसने अपने  पडोसी महादेव सिंह, पिता मोहन सिंह,  ग्राम- मधैया, थाना- पियर, के व्हाट्सएप नम्बर 7667277850  उसे भेज दिया था। इसके  बाद उसी दिन (2 अक्टूबर को)  उसके मोबाईल  नम्बर 8292175529 पर फोन कर  कहा गया कि वह अपना ज्वाइंनिंग लेटर संबंधित व्हाट्सएप नम्बर से डाउनलोड करा लें। उसने वह कागजात डाउनलोड कराया। उसमें   90  हजार का कम्प्युटर सिस्टम देने की बात कहते हुए रजिस्ट्रेशन के लिए  2150/-( दो हजार एक सौ पचास रूपये )  एस बीआई के बैक एकाउंट नम्बर 30768141582, आईएफसी कोड- SBIN0002939 में जमा करने को कहा गया। दूसरे दिन काजल ने पेटीएम से 2150/- रूपये भेज दिया। इसके बाद   उसे बारी बारी से मोबइल नंबर- 9523037377 और 7257847593 से काल कर एंश्योरेंस के लिए उसी बैंक खाते में 6100 ( छ: हजार एक सौ) रूपये जमा करने को कहा गया।  यह भी कहा गया कि  वह अपना बैंक खाता नम्बर मैसेज कर दे  ताकि  खाते में पैसा जमा हो  जाने के  दो दिनो के अंदर उसके खाते में राशि वापस कर दी जाएगी और कम्प्युटर सिस्टम कुरियर से  उसके घर के पते पर पहुंच जाएगा। काजल के पिता ने कर्ज लेकर 6100/-  (  छ: हजार एक सौ रूपये)  दिनांक 5/10/18 को उसी पेटीएम से उसी बैंक खाता संख्या 30768141582 में जमा कर दिया।

काजल को भेजा गया संदिग्ध अप्वाइंटमेंट लेटर।

इसके बाद  दिनांक 6/10/18 को मोबाइल नंबर- 7257847593 से 9:30  बजे  फिर फोन कर बताया गया कि डॉल्फिन कूरियर वाले से उसके मोबाइल नंबर 7372042475  पर बात कर लीजिए। कम्प्युटर सिस्टम कूरियर वाले को दे दिया गया है। उसने जब उस नम्बर से बात किया तो उधर से  बताया गया कि आप कूरियर का खर्च 15000/- रूपये हमारे बैंक  खाते में जमा कर दें तब आप तक सामान पहुंचेगा।  काजल ने जब  और पैसा भेजने में असमर्थता व्यक्त की तो उधर से राशि घटा कर दस हजार और फिर पांच हजार भेजने को कहा गया।  इस पर भी  जब उसने रूपये भेजने से  इंकार कर दिया तो  उसे बताया गया कि उसको अब न पैसा वापस होगा और न कम्प्युटर सिस्टम मिलेगा। जहां जाना हो, जो करना हो कर  लीजिए।  काजल ने जब उक्त बैंक खाता 30768141582 के बारे में नेट पर तलाश कराया तो वह खाता एसबीआई, गोरौल (वैशाली) में किसी सुषमा कुमारी के नाम से है।

संबंधित कंपनी के नियम और शर्तें ।

काजल को अब कुछ गलत होने की आशंका होने लगी थी । फिर क्या था उसने ये सारी बातें अपने घर वालों को बताई । 7 अक्टूबर 2018 को काजल अपने परिजनों के साथ मुजफ्फरपुर के पियर थाने पहुंची । वहां पर केस तो दर्ज नहीं किया गया लेकिन काजल की शिकायत ले ली गई । 8 अक्टूबर, सुबह 11.30 बजे तक इस मामले में यहीं तक अपडेट है । आगे पुलिस इस मामले में क्या करती है इंतजार रहेगा। सवाल ये है कि आखिर ये कौन लोग हैं जो ग्रामीण बच्चों को टारगेट कर लूट रहे हैं ? उनकी बेरोजगारी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं । पुलिस में शिकायत के बाद भी ये कैसे बच जाते हैं, क्या सत्ता में मौजूद, प्रशासन के लोग भी इनसे मिले होते हैं ? पता नहीं काजल को न्याय कब मिलेगा लेकिन जब तक नहीं मिलेगा मैं इस मुद्दे को उठाते रहूंगा ।


ब्रह्मानंद ठाकुर। बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के निवासी। पेशे से शिक्षक। मई 2012 के बाद से नौकरी की बंदिशें खत्म। फिलहाल समाज, संस्कृति और साहित्य की सेवा में जुटे हैं। मुजफ्फरपुर के पियर गांव में बदलाव पाठशाला का संचालन कर रहे हैं।