मुजफ्फरपुर जिले के सभी प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

मुजफ्फरपुर जिले के सभी प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग

बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर

जिले के प्रगतिशील किसानों की बैठक 22 अक्टूबर को शहीद खुदीराम बोस – प्रफुल्ल चाकी स्मारक स्थल ,मुजफ्फरपुर मे आयोजित की गई। बैठक में किसान हित में महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई और सरकार से सभी प्रखंडों में तत्काल दुबारा सर्वेक्षण करा कर जिले के सभी 16 प्रखंडों को अविलम्ब सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने और रबी फसल के लिए किसानों को सभी आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई। बैठक में औराई , कटरा , बोचहा , बंदरा , मुरौल , कुढनी , सरैया , मडवन और गायघाट प्रखंड के किसान मौजूद थे।

इसके साथ ही किसान कल्याण सभा , मुजफ्फरपुर का गठन किया गया जिसके अध्यक्ष किसान भूषण से सम्मानित कृषक सतीश कुमार द्विवेदी और महासचिव अवध बिहारी ठाकुर ( किसान श्री सम्मान से सम्मानित ) सर्वसम्मति से निर्वाचित किए गये। इसके अलावे शशिभूषण शर्मा , सुबोध कुमार को उपाध्यक्ष , संजीत किशोर , रामाशंकर तिवारी , रामयत्न महाराज , राम विनोद चौधरी को सचिव , ब्रह्मानन्द ठाकुर , मीडिया प्रभारी एवं नवल किशोर ठाकुर को कोषाध्यक्ष निर्वाचित किया गया। इसके अतिरिक्त 11 सदस्यीय कार्यकारिणी का भी गठन किया गया, जिसमें डाक्टर संजय पंकज , कुंदन कुमार , सुरेन्द्र सिंह , मुकेश कुमार ठाकुर, अशोक कुमार झा , अमरनाथ सिंह , ध्रुवदेव कुमार , परमहंस कुमार , गंगा भगत , निलेश मिश्रा और जयराम तिवारी शामिल हैं। मुक्तेश्वर प्रसाथ सिंह मुकेश किसान कल्याण सभा के संरक्षक मनोनीत किए गये।

बैठक में 5 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सम्पूर्ण जिले को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने, सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज खरीदने के लिए पंचायत स्तर पर क्रय केन्द्र स्थापित करने , सब्जी उत्पादक किसानों के सब्जी फसल को जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए 90 प्रतिशत के अनुदान पर सोलर फैंसिंग की व्यवस्था कराने , डीजल अनुदान की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए निबंधित किसानों को एकबार के आवेदन पर घोषित डीजल अनुदान उसके खाते में भेजने और किसान परिवार के मुखिया के असामयिक निधन पर उसके आश्रित को 10 लाख का मुआवजा देने की मांग शामिल है। बाद में अध्यक्ष सतीश कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में किसानों के एक प्रतिनाधि मंडल ने जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित एक मांग पत्र दिया जिसमें इस जिले को सूखा ग्रस्त घोषित करने के लिए पुन : सर्वेक्षण कराने का अनुरोध किया गया।