आज और कल जलालपुर में ‘मशरूम मैन’ की कार्यशाला

आज और कल जलालपुर में ‘मशरूम मैन’ की कार्यशाला

  1. आजकल किसानों की आय दोगुनी करने की चर्चा हर तरफ हो रही है, लेकिन शायद ही कोई हो जो इस बात पर चर्चा करता हो कि आखिर क्या करने से किसानों की आय दो गुनी होगी, लेकिन एक खेती ऐसी है जो बेहद कम लागत और मेहनत के ना सिर्फ आपकी माली हालत में सुधार ला सकती है बल्कि आपके सेहत का भी ख्याल रख सकती है। एक ऐसी खेती जो बेहद कम लागत में की जा सकती है और मुनाफा भी कमाया जा सकता है । अगर आपके पास खेत नहीं है तो भी मशरूम उत्पादन आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है । बस जरूरी है तो सही और उचित मार्ग दर्शन की । अगर आप जौनपुर के रहने वाले हैं तो आपको इसके लिए भी चिंता करने की जरूरत नहीं, क्योंकि एक बार फिर मशहूर कृषि वैज्ञानिक डॉ. दयाराम जौनपुर में आ रहे हैं ।
पिछले साल हुए प्रशिक्षण शिविर की तस्वीरें-बीच में डॉ. दयाराम

पिछले साल 16 अगस्त 2017 को जब जौनपुर के जलालपुर इलाके में कोंडरी फाटक पर बदलाव की चौपाल लगी और डॉक्टर दयाराम ने किसान भाइयों को मशरूम उत्पादन की जो विधि बताई उससे प्रभावित होकर धर्मापुर के रहने वाले अभिमन्यु राय ने मशरूम उत्पादन का काम शुरू भी कर दिया, ऐसे में जब एक बार फिर डॉक्टर दयाराम को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण के लिए जौनपुर से आमंत्रण आया तो वो खुद को रोक नहीं सके । लिहाजा वो एक बार फिर जलालपुर में किसानों को मशरूम उत्पादन के गुर सिखाने आ रहे हैं। पिछली बार वक्त बेहद कम था फिर भी उन्होंने किसानों को काफी वक्त दिया, लेकिन इसबार वो खुद दो दिन का समय लेकर आ रहे हैं । पिछली बार टीम बदलाव के पहल पर डॉक्टर दयाराम आए थे, लेकिन इस बार एक सरकारी कार्यक्रम के तहत उनका आपके बीच आने का कार्यक्रम बना है ।                    पिछले साल जलालपुर में बदलाव की चौपाल की ख़बर पढ़ने के लिए क्लिक करें

मशरूम के बायप्रोडक्ट्स तैयार कर रहे युवा किसान

21 और 22 जुलाई दिन शनिवार और रविवार को डॉक्टर दयाराम जलालपुर ब्लॉक पर मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिरकत करेंगे । इसबार उनके साथ कृषि वैज्ञानिकों की एक फौज भी साथ रहेगी । जिसमें वाराणसी से डॉ. जीडी मिश्रा और सोलन कृषि केंद्र से डॉ. सतीश कुमार और योगेश गौतम जैसे कृषि वैज्ञानिक शामिल हैं । जो आपको आयस्टर मशरूम और दुधिया मशरूम के उत्पादन की विधिवत ट्रेनिंग देंगे । दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक किसानों को मशरूम उत्पादन की हर विधि बताई जाएगी और प्रैक्टिक के जरिए उत्पादन का तरीका सिखाया जाएगा । यही नहीं मशरूम उत्पादन से आप अपनी आय कैसे दो गुनी कर सकते हैं, आपके लिए बाजार कहां मिलेगा इन तमाम चीजों पर चर्चा होगी ।

यहां ये बताना जरूरी है की डॉक्टर दयाराम और उनकी टीम ने मशरूम से बेकरी प्रोडक्ट का निर्माण भी शुरू कर दिया है । यानी मशरूम से बने बिस्किट, नमकीन, समोसा जैसे उत्पाद भी बाजार में आ चुके हैं । डॉक्टर दयाराम करीब तीन दशक से मशरूम पर काम कर रहे हैं ।

डॉक्टर दयाराम एक ऐसे कृषि वैज्ञानिक हैं जो अपने समर्पण और निष्ठा की बदौलत सहकर्मियों और बिहार के किसानों में मशरूम वैज्ञानिक के नाम से मशहूर है। ये डॉक्टर दयाराम की मेहनत का नतीजा है कि बिहार के सभी 38 जिलों में करीब 35 हजार गरीब किसान परिवार मशरूम उत्पादन से अपनी किस्मत संवारने में लगे हैं। डॉ. दयाराम के अथक प्रयास से बिहार में मशरूम का सालाना उत्पादन 3 हजार टन को पार कर गया है। राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर दयाराम मुख्य रूप से प्लांट पैथोलाजी (पौधा रोग) के  एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के महिमापुर डीह गांव के निवासी डॉक्टर दयाराम काशी हिन्दू विश्व विद्यालय वाराणसी से एमएससी एजी, पीएचडी हैं। डाक्टर दयाराम का मानना है कि कि  व्यावसायिक रूप से मशरूम का उत्पादन बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार का बड़ा ही सुनहरा अवसर है। इसके बाइप्रोडक्ट के जरिए आमदनी बढ़ाई जा सकती है ।

ये आपके लिए एक सुनहरा अवसर है, दो दिन का वक्त निकालकर जलालपुर ब्लॉक पर जरूर जाएं । मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जलालपुर ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी देवेंद्र सिंह की देखरेख में हो रहा है और इसके लिए स्थानीय विधायक डॉक्टर हरेंद्र सिंह भी सक्रिय रूप से भूमिका निभा रहे हैं । तो भुलिएगा नहीं, शनिवार और रविवार को सुबह 10 बजे से जलालपुर ब्लॉक पर जरूर जाइए । अगर पहुंचने में कोई समस्या हो तो स्थानीय विधायक और बीडीओ से संपर्क जरूर करें ।



विजय  प्रकाश/  मूल रूप से जौनपुर जिले के मुफ्तीगंज के निवासी । बीए, बीएड की पढ़ाई के बाद इन दिनों सामाजिक कार्यों में जुटे हैं।