9 साल का इंतजार: सरकारें बदल गईं, लेकिन पुल की सूरत नहीं बदली

9 साल का इंतजार: सरकारें बदल गईं, लेकिन पुल की सूरत नहीं बदली

बदलाव प्रतिनिधि, जौनपुर

पिछले 9 बरस में उत्तर प्रदेश और देश में सरकारें बदल गईं, मुख्यमंत्री बदल गए लेकिन नहीं बदला तो कामकाज का तरीका । ये बात हम क्यों कह रहे हैं इसको समझने के लिए जौनपुर जिले के गोमती नदी पर खड़े इस पीलर को देखिए। पिछले करीब 9 बरस से यहां की जनता पुल का इंतजार कर रही है, पीलर तो खड़ा है लेकिन आज तक पुल का काम पूरा नहीं हो सका । गोमती नदी के वीरमपुर-भडे़हरी घाट पर बमुश्किल 700 मीटर लंबा पुल बनाने के लिए जौनपुर प्रशासन को 9 साल भी छोटा पड़ गया। इस पुल निर्माण के लिए पिछले तीन चार सालों से लगातार समाजसेवी विकास तिवारी की अगुवाई में गांव वाले विरोध-प्रदर्शन भी कर रहे हैं लेकिन हुआ कुछ नहीं । कभी काम शुरू हो जाता है तो काम कब बंद हो जाता है किसी को पता भी नहीं चलता । लिहाजा विकास तिवारी की अगुवाई में एक बार फिर जिले के लोगों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर पुल निर्माण के लिए जिला मुख्यालय पर धरना दिया और जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए एक ज्ञापन भी सौंपा । इस ज्ञापन में पुल निर्माण में हुई देरी और अनियमितताओं की जांच की मांग की गई है । साथ ही जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया है कि पुल का निर्माण कार्य शीघ्र अति शीघ्र कराया जाए । वीरमपुर -भड़ेहरी घाट पर बनने वाले पुल के अलावा गोमती नदी पर बनने वाले दो अन्य सेतु धर्मापुर-अखड़ो देवी घाट सेतु व पसेवां-मई घाट सेतु के निर्माण कार्य में भी अनियमितता की शिकायत जिलाधिकारी से की गई है ।

विकास तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा वर्ष 2010-2011 में 785.89 लाख की लागत से बेलांव-पराऊगंज मार्ग के बीरमपुर-भड़ेहरी घाट पर गोमती नदी सेतु का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, संबंधित विभाग के आंकड़ों के अनुसार माह 12/ 2017 तक रुपया 924.38 लाख व्यय कर गोमती नदी सेतु बीरमपुर-भडे़हरी घाट की भौतिक प्रगति 58.35% प्राप्त कर ली गई है । पुनरीक्षित आगणन में लोक निर्माण विभाग द्वारा लगाई गई आपत्तियों का निराकरण करने हेतु पुनरीक्षित आगणन पुनः गठन की प्रक्रिया में है । सेतु निर्माण इकाई – प्रथम वाराणसी उत्तर प्रदेश द्वारा कराया जा रहा सेतु निर्माण कार्य पुनरीक्षित स्वीकृति एवं वित्तीय संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण विगत कई वर्षों से रुका हुआ है ।सरकारी अनदेखी की वजह से करीब 100 गांव के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही जिला मुख्यालय जाने के लिए लोगों को 15-20 किमी की ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है ।इसके अलावा आसपास के कई विद्यालयों में पड़ने वाले हजारों छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे नदी पार करने को मजबूर हैं । जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं, फिर भी प्रशासन आंख मूंदे बैठा है, ऐसी हालत में अगर कोई हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ।

पुल निर्माण में हो रही देरी को लेकर समाजसेवी विकास तिवारी की अगुवाई में जिला मुख्यालय पर एक दिन का धरना प्रदर्शन किया गया साथ ही ये फैसला लिया गया कि अगर प्रशासन जल्द पुल निर्माण का काम पूरा नहीं करता है तो आमरण अनशन भी किया जाएगा । विकास तिववारी के साथ इस प्रदर्शन में ओम प्रकाश यादव, धनंजय सिंह, पंकज सोनकर, विपिन सिंह, अतुल, आलोक, शशांक,  फैसल,  मुफ्ती मेहंदी, सौरभ,राकेश, ऋषि, शैलेंद्र, संजय, मुकेश,सर्वेश, सौरव,अविनाश, पूनम मोर्या, सुजीत कुमार, बाबूराम निषाद, रूद्रेश, कुलदीप,आशीष,भीम,रंग बहादुर, जय हिंद, राहुल, धनुर्धर, शुभम, मोहम्मद जावेद, विनय यादव ,अभय राज, गौतम यादव़,अखिलेश निषाद, कंचन समेत सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे ।

विजय  प्रकाश/  मूल रूप से जौनपुर जिले के मुफ्तीगंज के निवासी । बीए, बीएड की पढ़ाई के बाद इन दिनों सामाजिक कार्यों में जुटे हैं