माल और सेवा कर का सपना हुआ आज साकार

माल और सेवा कर का सपना हुआ आज साकार

रात 12 बजे जैसे ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी ने बटन दबाकर जीएसटी लॉन्च किया, पूरे देश में जश्न का माहौल बन गया. प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है. संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जो कि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है. जीएसटी हमारे निर्यात को और अधिक स्‍पर्धी बनाएगा तथा आयात से स्‍पर्धा में घरेलू उद्योग को एक समान अवसर उपलब्‍ध कराएगा। अभी हमारे निर्यात में कुछ अंतर-निहित कर जुड़े हुए हैं। इसलिए निर्यात कम स्‍पर्धी है। घरेलू उद्योग पर कुल कर भार पारदर्शी नहीं है। जीएसटी के अंतर्गत कर भार पारदर्शी होगा और इससे निर्यात पर कर बोझ पूरी तरह खत्‍म करने और आयात पर घरेलू कर भार समाप्‍त करने में सहायता मिलेगी।

ये टैक्स अब हो जाएंगे खत्म
सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, सर्विस टैक्स, सीवीडी, एसएडी, वैट, सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्टाय एंड एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लक्जरी टैक्स.

किचन के बजट पर कितना असर ?
चाय की पहली चुस्की से लेकर डिनर तक, किचन में बनने वाले पकवान की खुशबू महंगाई से तय होती है. ऐसे में जीएसटी आने के बाद किचन के बजट पर कितना असर पड़ रहा है ये समझने के लिए सुबह की चाय से शुरुआत करते हैं. चाय-कॉफी पर पहले 7 फीसदी टैक्स था, जीएसटी के बाद 5 फीसदी टैक्स है. चीनी पर भी 10 के बजाय अब 5 फीसदी टैक्स लगा है और दूध को जीएसटी से बाहर रखा गया है. आम जनता को जीएसटी में सबसे बड़ी राहत ये मिलने वाली है कि एलपीजी सिलेंडर पर 18 फीसदी टैक्स था, अब सिर्फ 5 फीसदी टैक्स है.
ब्रेड, अंडा, दही, दलिया, फल, ओट्स, सब्जी, आटा, चावल, दाल, पनीर, नमक, चिकेन, मीट, अनाज को जीएसटी से बाहर रखा गया है. वहीं बिस्किट और कॉर्न फ्लेक्स भी जीएसटी के बाद सस्ते हो रहे हैं. इसके अलावा सरसों तेल. अचार-मुरब्बा, नूडल्स, मैक्रोनी, पास्ता भी सस्ते होने वाले हैं. हालांकि घी, मक्खन, मसाले, चॉकलेट, ड्राइफ्रूट्स, केचअप, दूध पाउडर, जैम, जैली महंगे होने जा रहे हैं. दूसरी तरफ मीट, शहद, पापड़ को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. इस वजह से ये चीजें सस्ती हो सकती हैं. क्योंकि अभी इन उत्पादों पर वैट लगता था…लेकिन अब कोई टैक्स नहीं है.

मिडिल क्लास फैमिली अकसर भोजन के लिए रेस्तरां और होटलों का रूख करते है. जीएसटी से आपके होटल और रेस्तरां के बिल पर क्या असर पड़ रहा है ये जानना जरूरी है. जीएसटी के बाद नॉन एसी रेस्तरां में फूड बिल पर एक फीसदी ज़्यादा यानी 12% टैक्स है. इसी तरह शराब लाइसेंस और एसी वाले रेस्तरां में खाने पर 18 फीसदी टैक्स यानी 7 फीसदी ज्यादा टैक्स है. इसके अलावा लग्जरी रेस्तरां में 28 फीसदी टैक्स रेट लागू है. यानी 17 फीसदी महंगा हो गया है. बिरयानी के शौकिन लोगों को भी महंगाई का झटका. क्योंकि रेस्तरां मालिकों का मानना है कि टैक्स बढ़ने 150 रुपये की बिरयानी 200 रुपये में मिलेगी. साफ है होटल और रेस्तरां में खाने का स्वाद लेने के लिए ज्यादा पैसा चुकाने होंगे.
अगर आप गोल्ड या डायमंड की ज्वेलरी खरीदने का सोच रहे हैं. अब आपको ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. गोल्ड ज्वेलरी पर पहले 2 फीसदी टैक्स लगता था. लेकिन अब 3 फीसदी टैक्स. डायमंड ज्वेलरी पर पहले 2 फीसदी टैक्स लगता था..लेकिन अब 3 फीसदी टैक्स है. ऐसे में अगर आप एक लाख रुपये की डायमंड ज्लेवरी खरीदते हैं तो पहले आपको 2 हजार रुपये टैक्स चुकना पड़ता था…लेकिन अब 3 हजार रुपये टैक्स देना होगा. हालांकि आर्टिफिशियल ज्वेलरी पर जीएसटी के बाद 2 फीसदी टैक्स कम लग रहा है. पहले 5 फीसदी टैक्स लगता था. जीएसटी में रफ डायमंड पर भी टैक्स लगा दिया गया है. पहले कोई टैक्स नहीं था…लेकिन अब 0.25 फीसदी टैक्स लगाया गया है.