लोकतंत्र की काग़ज़ी खूबसूरती ज़मीन पर कब उतरेगी- उर्मिलेश

पशुपति शर्मा “हिंदुस्तान जितना खूबसूरत लोकतंत्र काग़जों पर है, उतना खूबसूरत लोकतंत्र ज़मीन पर नहीं दिखता। जबकि यूरोप के कई

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अब न रहा वो फगुआ, अब न रहे वो हुरियारे

प्रशांत पांडेय ज़िंदगी की आपा धापी में प्राथमिकताएँ बदल जाती हैं। मनुष्य समय के चक्र में फँसकर उसी के इशारे

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बदलाव के दूसरे होली मिलन में बच्चों ने बिखेरे रंग

ब्रह्मानंद ठाकुर बदलाव का होली मिलन समारोह इस बार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में आयोजित हुआ । मुजफ्फरपुर के पीयर

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बागमती का तट और बेनीपुरी का बदहाल गांव

ब्रह्मानंद ठाकुर मुजफ्फरपुर जिले में औराई प्रखंड का बेनीपुर गांव।  आज से 119  साल पहले 23 दिसम्बर 1899  को इसी

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सांगली का मादलमुठी शाला- एडुकेशन मॉडल के 8 दशक

शिरीष खरे “देश भर के गांवों में ऐसा स्कूल मिलना मुश्किल है।”– यह दावा है मादलमुठी शाला (सांगली, महाराष्ट्र) के

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महाराष्ट्र के सांगली की प्राथमिक शाला की अपनी वेबसाइट

शिरीष खरे किसी एक छोटे गांव की प्राथमिक शाला की अपनी वेबसाइट होना विशेष भले ही न लगे, लेकिन क्या

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