बदलाव पाठशाला – हम पढ़ेंगे, खेलेंगे और कूदेंगे

बदलाव पाठशाला – हम पढ़ेंगे, खेलेंगे और कूदेंगे

बदलाव प्रतिनिधि

मुजफ्फरपुर के बंदरा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार ठाकुर ने प्रखंड के पियर गांव में टीम बदलाव द्वारा संचालित नि: शुल्क पाठशाला के बच्चों के लिए खेल सामग्री भेंट की। उन्होंने पाठशाला का अवलोकन किया और बदलाव के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि समाज के अपेक्षित और उपेक्षित बच्चों में शिक्षा के प्रति अभिरुचि जगाने के इस प्रयास को और अधिक विस्तार देने की जरूरत है। इस अभियान में ढाई आखर फाउन्डेशन भी बतौर सहयोगी अहम भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने शिक्षित युवाओं सेअपील की कि वे भी अपने स्तर से थोड़ा वक्त निकाल कर  अपने आस-पास में ऐसी मुहिम की शुरुआत करें। पाठशाला के स्वयंसेवी शिक्षक विन्देश्वर राय ने प्रखंड विकास पदाथिकारी को जानकारी दी किपिछले साल गांधी जयंती के अवसर पर इस पाठशाला की शुरुआत मात्र नौ बच्चों से की गई थी। अब इनकी संख्या बढकर 17  हो गयी है। सभी बच्चे 6 साल से 13 साल उम्र के बीच के हैं।

पाठशाला मे रोचक ढंग से पढाई होने के कारण इन बच्चों में जागरुकता बढी है। इस साल  महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर 3० जनवरी को पाठशाला के बच्चों के लिए एक पुस्तकालय की स्थापना की गई है। इस पुस्तकालय को अनेक प्रबुद्ध लेखकों की ओर से बाल साहित्य उपलब्ध कराया गया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने  पाठशाला के लिए दो कैरम बोर्ड, बैडमिंटन सेट, नेट और क्रिकेट बैट- बॉल आदि सामग्री भेंट की और बच्चों के लिए पुस्तकें देने की घोषणा की।

बंदरा बीडीओ को बच्चों ने संविधान की प्रस्तावना मौखिक रूप से सुनाई। शिल्खी कुमारी आगे -आगे संविधान की प्रस्तावना पढी और शेष बच्चों ने उसे दुहराया। स्वयंसेवी शिक्षक विन्देश्वरजी के सफल प्रयास से एक सप्ताह में आधे से अधिक बच्चों ने यह प्रस्तावना याद कर ली है। इसे सुनकर बीडीओ विजय कुमार ठाकुर इतने प्रसन्न हुए कि उनके मुंह से बरबस निकल पड़ा- ‘ वाह ! बहुत खूब। आजकल तो हाईस्कूल के बच्चों और ‘ बडों ‘ को भी यह प्रस्तावना याद नहीं है। पाठशाला के स्वयंसेवी शिक्षक प्रतिदिन इसी प्रस्तावना के पाठ से कक्षा की शुरुआत करते हैं। अब बच्चों को मौलिक अधिकार याद कराए जाएंगे।