मशरूम की खेती के लिए जौनपुर में लगी बदलाव की चौपाल

मशरूम की खेती के लिए जौनपुर में लगी बदलाव की चौपाल

बदलाव प्रतिनिधि, जौनपुर

बदलाव की चौपाल धीरे-धीरे ही सही लेकिन पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है । टीम बदलाव की पहल पर बुधवार दिनांक 16 अगस्त को जौनपुर जिले के सिरकोनी ब्लॉक में मशरूम प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया । कोंडरी फाटक के पास आयोजित इस कार्यशाला में किसानों की उत्सुकता देखते ही बन रही थी । सिरकोनी ब्लॉक में किसानों के प्रशिक्षण का अपनी तरह का ये पहला आयोजन था, जिहाजा जिसने भी आयोजन के बारे में सुना वो बदलाव की चौपाल में खिंचा चला आया । किसानों की उत्सुकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तय समय से काफी पहले से ही किसान कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। कोई 25 किमी की दूरी तय कर बदलाव की कार्यशाला में पहुंचा तो कोई 50 किमी का सफर तय कर चौपाल में शामिल होने आया । हर किसी का मकसद एक था, खेती-बाड़ी के तरीके में बदलाव लाना और कुछ अलग करना ।

सबकी उत्सुकता इस बात को लेकर थी कि बिना जमीन और मिट्टी के कोई खेती कैसे हो सकती है, लिहाजा सभी किसान उत्सुकता से राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के जाने-माने वैज्ञानिक डॉक्टर दयाराम का इंतजार कर रहे थे । डॉक्टर दयाराम करीब साढ़े 4 बजे आयोजन स्थल पर पहुंचे और किसानों के साथ ऐसे घुल-मिल गए जैसे इन किसानों से उनका पुराना नाता हो । शुरूआती बातचीत के दौरान ही डॉक्टर दयाराम ने साफ कर दिया कि सिर्फ ज्ञान और बातचीत से काम नहीं बनेगा चलिए कुछ करके सीखा जाए । फिर क्या था डॉक्टर साहब के निर्देश पर पहले ही उबाल कर रखे गये भूसे (गेंहूं का भूंसा) को किसान भाई जमीन पर फैला दिये । डॉक्टर दयाराम ने भूसे में बीज मिलाने से लेकर उसे पॉलीबैग में भरने से लेकर उसकी देखरेख की हर विधि किसानों को बताई । यही नहीं डॉक्टर साहब ने किसानों को पूसा केंद्र आने का भी ऑफर दिया और कहा कि जो किसान मशरूम की खेती करना चाहते हैं वो बिहार के पूसा केंद्र आकर मशरूम के सभी प्रकार के उत्पादन का प्रशिक्षण ले सकते हैं । बिहार के पूसा केंद्र में 9 अक्टूबर से बटन मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण शिविर लगने वाला है लिहाजा कई किसानों ने वहां जाने की तैयारी भी शुरू कर दी है ।

किसानों को प्रशिक्षण देते डॉ. दयाराम

करीब 20 किमी दूर से चलकर कार्यशाल में शामिल होने आए अभिमन्यू राय ने बदलाव की इस मुहिम की सराहना की और कहा कि इस कार्यशाला और टीम बदलाव की ये पहले तभी सार्थक होगी जब हम और आप मशरूम के महत्व को समझें और उसके उत्पादन के जरिए अपने जीवन में बदलाव लाने की हर मुमकिन कोशिश करें । वहीं समाजसेवी और किसान प्रेमी सत्य प्रकाश आजाद भी किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए चौपाल में शामिल होने के लिए वाराणसी से चलकर जौनपुर आए थे । सत्य प्रकाश ने किसानों को भरोसा दिलाया कि अगर हम आप मिलकर काम करेंगे तो हमें किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी । जब तक हम विखरे हैं तब तक कोई भी हमारी मदद नहीं कर सकता इसलिए अपने भीतर और बाहर के बदलाव के लिए हमें खुद सोचना होगा । सरकार या फिर कोई संगठन हमें रास्ता दिखा सकता है लेकिन करना हमें ही पड़ेगा ।

करीब 50 किमी का सफर तय कर बदलाव की चौपाल में शामिल होने वाले अजय यादव की उत्सुकता कार्यशाल के समापन के बाद भी बनी रही । अजय कुमार ने कहा कि आज वो यहां से जो सीख कर जा रहे हैं वो दूसरों को भी सिखाएंगे ताकि बदलाव की ये मुहिम निरंतर चलती रहे । बदलाव की चौपाल में किसानों की संख्या भले ही थोड़ी कम रही हो लेकिन जितने भी किसान आए वो इस कार्यशाला से प्रभावित नजर आए और मशरूम उत्पादन शुरू करने के संकल्प के साथ अपने घर लौटे

कार्यशाला के समापान के कुछ घंटे बाद जब चौपाल में शामिल रहे सबसे बुजुर्ग और उत्साही व्यक्ति अभिमन्यु राय जी से जब बात हुई तो पता चला कि उन्होंने घर पहुंचते ही मशरूम उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर दी और उसके लिए भूसा भी उबाल कर रख दिया । खास बात ये रही कि डॉक्टर दयाराम जी ने कार्यशाला में मौजूद रहे किसानों को मशरूम का बीज भी बांटा ताकि उन्हें शुरुआती उत्पादन में कोई परेशानी ना आए । डॉक्टर दयाराम ने किसानों को बीज मिलने से लेकर उसके तरीके समेत हर जानकारी पहले ही दे रखी थी लिहाजा किसान भाई पूरी तल्लीनता के साथ मशरूम उत्पादन में जुट गए हैं ।

बदलाव की चौपाल के सफल आयोजन में डॉक्टर हरि प्रकाश, सत्य प्रकाश यादव, विजय यादव और श्याम प्रकाश यादव का विशेष योगदान रहा । डॉक्टर हरि प्रकाश और सत्य प्रकाश पिछले तीन दिन से लगातार आयोजन की तैयारियों में जुटे थे जिससे आसपास के किसानों में बदलाव की एक नई शुरूआत हो सकी । डॉक्टर हरि प्रकाश और सत्य प्रकाश यादव ने बताया कि किसानों के लिए इस तरह का प्रशिक्षण शिविर उनके इलाके में कभी आयोजित नहीं हुआ था । लिहाजा आसपास के लोग इस बात को समझ ही नहीं सके कि यहां क्या होगा, लेकिन जो लोग आए वो जरूर उत्साहित नजर आए । आयोजन में मदद के लिए संजय और उदल का भी काफी सहयोग रहा । इसके लिए टीम बदलाव आप सभी का शुक्रगुजार है और उम्मीद है कि आप सभी बदलाव से जुड़े रहेंगे।


विजय  प्रकाश/  मूल रूप से जौनपुर जिले के मुफ्तीगंज के निवासी । बीए, बीएड की पढ़ाई के बाद इन दिनों सामाजिक कार्यों में जुटे हैं।

 

 

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