यूपी के देवरिया और औरंगाबाद के बारपा में बही ‘बदलाव’ की हवा

यूपी के देवरिया और औरंगाबाद के बारपा में बही ‘बदलाव’ की हवा

देवरिया में बदलाव बाल क्लब की कार्यशाला

टीम बदलाव

बदलाव बाल क्लब की कहानी कार्यशाला- आओ पढ़े सुने और सुनाएं किस्से, हर दिन के साथ परवान चढ़ने लगी है । देश की राजधानी से निकली बदलाव की हवा दिल्ली से दूर यूपी के देवरिया और बिहार के औरंगाबाद तक पहुंच चुकी है । देवरिया जिले के पिंडी गांव में अनिल यादव ने व्हाट्सअप ग्रुप पर बुधवार को जो तस्वीरें भेजी वो काफी सुखद एहसास करा रही थीं, क्योंकि देवरिया में एक दो नहीं बल्कि करीब 25 बच्चों के साथ बदलाव बाल क्लब की शुरुआत हुई । पहले दिन बच्चों को अनिल जी ने कहानी और कविता पाठ कराया । बच्चों की अभिरुचि क्लास में बनी रहे इसके लिए बीच-बीच में हास्य रस का पुट भी समाहित किया गया । देवरिया में बदलाव बाल क्लब की ये पहल काफी अनोखी मानी जा रही है। बड़े और बुजुर्ग हर कोई अनिल के प्रयास की तारीफ कर रहा । यही वजह है कि गांव के कुछ और लोगों ने अपने बच्चों को कहानी वर्कशॉप में भेजने की इच्छा जाहिर की है। देवरिया में बदलाव बाल क्लब की कार्यशाला के दूसरे दिन बच्चों को डांस की प्रैक्टिस कराई जाएगी ताकि उनके भीतर छिपी प्रतिभा को समझा जा सके ।

बिहार के औरंगाबाद में बाल क्लब की कार्यशाला

उधर ढाई आखर फाउंडेशन की अगुवाई में बदलाव बालक्लब की नई यूनिट बिहार के औरंगाबाद में भी एक्टिवेट हो चुकी है । इस बात की जानकारी संदीप शर्मा ने कार्यशाला की पोटो बदलाव ग्रुप पर शेयर कर बताई । दस्वीरों को देख आप सभी को भी सुखद ऐहसास हो रहा होगा । गांव में खैपरैल से घिरे घर के बीच बाल क्लब को लेकर बच्चों की उत्सुकता देखते ही बन रही थी । वैसे तो ढाई आखर फाउंडेशन गरीब तबके के बच्चों के लिए आए दिन कुछ ना कुछ आयोजन करता रहता है । गरीब बच्चों को शिक्षा देने का काम काफी दिन से औरंगाबाद में चल रहा है। पिछले दिनों जब बदलाव बाल क्लब की कार्यशाला मुजफ्फरपुर में शुरू हुई तो संदीप शर्मा जी ने औरंगाबाद में भी बाल क्लब की क्लास लगाने की इच्छा चाहिर की और टीम बदलाव ने उसे सहर्ष स्वीकार किया । तीन दिन के भीतर संदीप जी ने बदलाव बाल क्लब की कार्यशाला औरंगाबाद के बारपा गांव में शुरू कर टीम बदलाव की इस मुहिम को एक कदम और आगे ले गए । देवरिया के पिंडी गांव और औरंगाबाद के बारपा गांव में एक साथ कार्यशाला का आयोजन हुआ । दोनों जगहों पर बच्चों की संख्या देखते ही बन रही थी । पिंडी गांव में जहां करीब 25 बच्चों ने शिरकत की वहीं बारपा गांव में बच्चों की संख्या 40 तक रही ।

मुजफ्फरपुर में बाल क्लब की कार्यशाला का चौथा दिन

वहीं मुजफ्फपुर के पीयर गांव में पेड़ों की छांव तले किस्सागोई का सिलसिला लगातार जारी है । कार्यशाला के चौथे दिन कार्यशाला का संचालन कवि कामेश्वर मिश्र घुमक्कड़ किया । कवि घुमक्कड़ जितने जिंदादिल इंसान है उनकी एंट्री भी कार्यशाल में उतनी ही बेहतरी रही । कवि घुमक्कड़ अपनी पुरानी लोक कथाओं और बज्जिका की कविताएं गुनगुनाते हुए बच्चों के बीच पहुंचे तो बच्चों का उत्साह दो गुना हो गया ।  23 बच्चों की मौजूदगी में पिछले 4 दिन से कार्यशाला का हिस्सा बन रहे विष्णुपुर मेहसी गांव के निवासी विंदेश्वर राय ने ‘’सब्जी की शादी’’ का आमंत्रण पत्र पढ़कर सुनाया, जिसे पढ़कर बच्चें हंसी रोक नहीं पाये और लोट-पोट हो गए ।‘’सब्जी की शादी’’ के आमंत्रण का मजमून कुछ इस तरह रहा ।

सेवा में,

श्रीमान पुआ महोदय

आदरणीय कद्दू काका, लौकी कारी, भंटा भैया, भिंडी भाभी सभी को प्रणाम। बड़ी खुशी की बात है कि पालक प्रसाद के बेटे लाल साग का विवाह कईंता की पुत्री आयुष्मती कुंदरी कुमारी से तय हुआ है…..। बारात 18 जून की शाम साढे 6 बजे लहसुनियां गांव से मिरचाई नगर के लिए प्रस्तान करेगी ।

कवि घुमक्कड़ के साथ बदलाव के साथी

यानी इस आमंत्रण के बहाने बच्चों के एक एक सब्जी का नाम बड़ी ही आसानी से जान लिया । वहीं छात्र रितुराज ने भूपेंद्र कुमार देव की कहानी कंजूस राजा, शिवम कुमार ने मोहनलाल महतो की लुहार और तलवार, अंशुप्रिया ने हमीदुल्ला खान की कहानी मुझे इंसान बना दो, स्मृति निशा ने हंस तिवारी की काला कुदरा और स्वाति ने डॉक्टर  हरेकृष्ण देवसरे की कहानी अक्ल बड़ी या भैंस कहानी का पाठ किया । इस दौरान कवि घुमक्कड़ ने अपनी कविता मुजफ्फरपुर दर्शन का सस्वर पाठ कर कार्यशाला को परवान तक पहुंचाया । बच्चे आग्रह करते गए और कवि घुमक्कड़ बच्चों को कहानी सुनाते गए ।बच्चें कहानी में इतने मशगुल रहे कि कार्यशाली तीन घंटे तक खिंच गई और पता भी नहीं चला ।

बाल क्लब की गाजियाबाद यूनिट
बाल क्लब दिल्ली यूनिट

इसके अलावा दिल्ली और गाजियाबाद में निरंतर बच्चों की वर्कशॉप जारी है । गाजियाबाद में रुटीन जगह में परिवर्तन करते हुए बच्चों ने सारा के दाता जी के घर पहुंचे और उनके जल्द ठीक होने की कामना की । इसके लिए बच्चों ने पहले एक पेपर पर खुद कार्ड जैसा डिजाइन बनाया और उसे कलर पेंसिल से बाकायदा सजाया और संवारा और फिर दादाजी को भेंट की । पहली क्लास में पढ़ने वाली सारा पिछले एक साल से बदलाव बाल क्लब से जुड़ी हुई । वहीं दिल्ली में बाल क्लब में बच्चों की संख्या निरंतर बढ़ रही है । बाल क्लब के पांचवे दिन मयूर विहार में बच्चों की संख्या 8 तक पहुंच गई । छठे दिन मूयर विहार में ऑल इंडिया रेडियो में कहानी पाठ करने वाली नमिता जी बच्चों के बीच मौजूद रहने वाली है ।