न्यू इंडिया का ‘हसीन सपना’ और दम तोड़ते अन्नदाता की हकीकत

ये सुनने में काफी अच्छा लगता है कि हिंदुस्तान अब न्यू इंडिया बन रहा है । कम से कम मौजूदा

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‘कमल’ पर आसीन ‘मलिन मणि’ का क्या करोगे ‘साहब’

उर्मिलेश भारतीय जनता पार्टी में एक नहीं, अनेक ‘अय्यर’ हैं, उनसे ज्यादा अमर्यादित और असयंमित शब्द निकालने वाले! उन्हें अपशब्दों

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‘भोजपुरी दर्शकों की सोच को समझने की ज़रूरत’

धनंजय कुमार भोजपुरी फ़िल्मों के दर्शक पूरे बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में तो हैं ही, मुम्बई से लेकर

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गुजरात में गांधी के मायने समझने की एक कोशिश

धीरेंद्र पुंडीर गुजरात में दांडी यात्रा के बाद दिल्ली के रास्ते में आते वक्त सोच रहा था कि दांडी यात्रा

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महोबा में खुले आसमान के नीचे संवरता देश का भविष्य

आशीष सागर यूपी के बुंदेलखंड का नाम नाम आते ही हर किसी के जेहन में भुखमरी, बेरोजगारी, बदहाल किसान और

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बदलाव पाठशाला : नौनिहालों में जगाती शिक्षा की अलख

टीम बदलाव गांव और निचले तबके का विकास राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्राथमिकताओं में हमेशा सबसे ऊपर रहा। लिहाजा बापू

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गुजरात की सियासी पिच पर जिग्नेश की ‘जमात’ पारी

शिरीष खरे जिग्नेश के रहने का अंदाज और पहनावा उन्हें मुख्यधारा के नेताओं से अलग करता है। उनकी जिंदगी के

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