रामकृष्ण डोंगरे “और रामकृष्ण”…. यही वो शब्द थे, जिससे सुदीप मुझसे बातचीत की शुरुआत करता था। आखिरी बार जब बात हुई
Author: badalav
बज़्म-ए-ज़िंदगी है डाक्टर बज़्मी का अस्पताल
साजिद अशरफ नाम डाक्टर जेड रहमान। इलाके में डाक्टर बज़्मी के नाम से मशहूर। एक ऐसा नाम, जिसे आज हर
सहारा नहीं, खुद के भरोसे चलते हैं बांदा के देवराज
आशीष सागर कहते हैं लाठी बुढ़ापे का सहारा होती है लेकिन अगर जवानी के शुरुआती पलों में थामनी पड़े तो
गांवों के अपने देव- गोरैया बाबा, दीना भदरी और सल्हेस
पुष्यमित्र अगर आपको लगता है कि दुर्गा, लक्ष्मी, महादेव, हनुमान और विष्णु जैसे देवता ही हिंदुओं के सबसे प्रिय और
रोपिया तो हो गईल लेकिन अब पानी नइखे
सत्येंद्र कुमार यादव माता-पिता के पास मैं रोजाना फोन करता हूं। लेकिन जिस दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है उस दिन
भूले नहीं भूलती मढौरा के मॉर्टन की मिठास
अनीश कुमार सिंह मढ़ौरा, सारण ज़िला मुख्यालय छपरा से 26 किलोमीटर दूर, उत्तर की ओर बसा एक कस्बा। आज के
शौचालय, औरतें और सबक 5 रूपये वाला
संध्या कश्यप दुनिया से जीती, जीती खुद से हारी …बस ध्वस्त खड़ी हूँ मैं …!!! स्वानंद किरकिरे की ये पंक्तिया
फूलन देवी की मां को किस कसूर की सज़ा?
एक समय में जिस फूलन के नाम से सरकार और शासन का पसीना छूटता था और अधिकारी त्राहि-त्राहि करते थे,
गिर ना पड़े शिवराज की ‘सवारी’
शिरीष खरे गणेश पाटीदार को मध्य-प्रदेश केभोपाल से करीब 350 किलोमीटर दूर बड़वानी पहुंचने में कोई 8 घंटे का सफर
सत्ता और ताक़त के लिए देह का सौदा क्यों?
पिछले कुछ दिनों से फेसबुक पर स्त्री विमर्श पर कई टिप्पणियां देखीं। जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर रहीं सुदीप्ति ने इस