कुणाल प्रताप सिंह बिहार में हर तरफ छठ की छटा बिखरी है । नदी किनारे बने घाट सजे हुए हैं।
Author: badalav
कश्मीर का ‘इस्लाम’ अलहदा है!
धीरेंद्र पुंडीर बात वहीं से शुरू करता हूं जहां रूक गई थी। बातचीत बड़े बिजनेसमैन से हो रही थी
मसला कश्मीर है… कारोबार नहीं!
धीरेंद्र पुंडीर हाथ पर चांद का फोटो खींच लेने से न चांद इतना छोटा होता कि हथेली पर आ जाए
गरीबी के अंधकार से निकली ‘आनंद’ की रौशनी
आनंद कुमार सुपर 30, वो नाम जिसका जिक्र आते ही देश के तमाम गरीब बच्चों की आंखों में उम्मीद की किरण
कोलम्बो का मरीन ड्राइव मुंबई से भी ज्यादा खूबसूरत
जिसको भी प्रक्रति से लगाव हो और वह उसे देखना चाहता हो तो उसे एक बार श्री लंका जरुर जाना
महिला अधिकारों के ‘तलाक’ का हक किसको है?
धीरेंद्र पुंडीर बचपन में खेंतों को पार कर नदी के दूसरी तरफ बसे गांव न्यामू में जाना सिर्फ मेले के
एक बालक के सवाल ने गोवर्धन को अमर बना दिया
दीपावली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल…
महादेवी वर्मा मधुर-मधुर मेरे दीपक जल। युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल, प्रियतम का पथ आलोकित कर।। सौरभ फैला विपुल धूप बन,
SP कुमार आशीष ने ‘दीपक’ सी जिद ठानी है!
दीपों के पर्व की रौनक हर तरफ बिखरी है। समाज का हर तबका अपने-अपने अंदाज में दीवाली मना रहा है।
लमही में एक लम्हा ‘प्रेम’ का
अरुण यादव इधर कुछ दिनों से दफ्तर के कामकाज ने इस कदर उलझा रखा था कि समाज और साहित्य दोनों