वैशाली और वसुंधरा में एक पलम्बर गोविंद सिंह आते हैं। वो गोरखपुर के रहने वाले हैं। बेहद सीधे-सादे। उन्हें हमने
Author: badalav
‘सरकार’! तमिलनाडु के ‘हार्ड वर्कर्स’ की सुध लीजिए ना
पशुपति शर्मा तमिलनाडु के किसानों का धरना प्रदर्शन पिछले 40 दिनों से जंतर-मंतर पर चल रहा है। कभी वो अर्धनग्न
पृथ्वी दिवस पर एक कवि को हरियाली की आशा
ईशान ‘पथिक’ पतझड़ की सूनी शाखों को नित है हरियाली की आशा, फिर से मानवता लौटेगी जोह रहा पथ “पथिक”
सुलखान सिंह- एक ईमानदार अफ़सर का ‘लईया-चना’ याद है!
धीरेंद्र पुंडीर सुलखान सिंह नए डीजीपी। लगता नहीं था कि कोई इतने ईमानदार अफसर को कभी कमान देगा। लखनऊ में
रंगमंच की दुनिया में ग्वालियर शहर की धमक
संगम पांडेय ग्वालियर के नाट्य मंदिर प्रेक्षागृह में जाने से लगता है मानो आप वक्त के किसी लंबे वक्फे का
मजहब नहीं सिखाता, ‘गांधीवाद’ से बैर रखना!
ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार के मुजफ्फरपुर का मझौलिया गांव कभी हथकरघा उद्योग के लिए जाना जाता था। आज यहां काफी कुछ बदल
बहिनी, गंगाजी के किनारे कईसन लगेला?
पुष्पांजलि शर्मा शहरों में सियासत के स्वर भले ही इस दंभ में चूर हों कि हमारा गांव बदल रहा है,
देश अब और शहादत के लिए तैयार नहीं!
धीरेंद्र पुंडीर इतिहास एक जिंदा चीज है जो देश इसका अहसास नहीं करते उन्हें ये मुर्दा कर देता है। निर्णय
गणतंत्र, तुझसे कुछ शिकवे हैं!
मार्कण्डेय प्रवासी गणतंत्र भूख की दवा ढूंढ कर लाओ बीमार देश है , धन्वन्तर कहलाओ। रह रहे शारदा के बेटे
कश्मीर- किसके लिए कर्फ़्यू, तलाशियां, कष्ट और बलिदान
धीरेंद्र पुंडीर वो जवान किसके लिए वहां है। वो किस देश के वासी थे जो बहु-बेटियों की इज्जत और अपनी