बदलाव प्रतिनिधि, पटना पटना सिटी, बिहार में बदलाव के युवा साथियों ने एक छोटी सी पहल की है। तनय तपांशु
Author: badalav
मन तृप्त कर देते हैं गोवर्धन के रोटी वाले बाबा
पंकज त्रिपाठी जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने के लिए हम सब सफ़र करते हैं, लेकिन सफ़र ही मंज़िल बन जाए
स्त्री सृजन के ‘आयाम’ का दूसरा साल
इति माधवी “सुलगते चूल्हे पर स्त्री जब रांधती है भात बटलोही के अदहन से पकते चावल की खदबदाहट हर स्त्री
जल का फिक्स्ड डिपॉजिट जल्दी मत तोड़िए
निराला फेसबुक, 19 जुलाई। हमारे देश में एक तरह की जलवायु नहीं है। मौसम बदलते रहते हैं। बारिश कहीं ज्यादा तो
किसान आंदोलन के तरीके नहीं वजहों की फिक्र कीजिए जनाब
आशुतोष शर्मा देश के कई राज्यों में किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों का दावा है कि उन्हें उपज
मीडिया, बच्चे और असहिष्णुता पर ओरछा में होंगी बातें
बदलाव प्रतिनिधि मीडिया के साथियों के साथ बैठकर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर नया जानने, आपसी समझ बनाने, एक—दूसरे के विचारों को समझने, अपने
गांव मांगें केरोसिन से ‘आज़ादी’ ?
चंद्रशेखर सिंह भारत की कुल जनसंख्या की लगभग दो तिहाई आबादी आज भी गांवों में बसती है। 2011 की जनगणना के
मुसाफ़िर! वो छुक-छुक कभी तो लौटेगी
प्रवीण कुमार ट्रेन से सफर एक घर बसाने जैसा है, समाज में जीने जैसा है, और इसकी खिड़कियों से झांकना
गांधी को महात्मा बनाने की ‘चम्पारण कथा’ की पहली झलक
पुष्यमित्र चंपारण सत्याग्रह पर आधारित इस किताब को लिखना जब शुरू किया था तो चम्पारण सत्याग्रह की बहुत कम जानकारियां
समान शिक्षा के लिए सिर्फ नीति नहीं, नीयत होनी चाहिए
ब्रह्मानंद ठाकुर आजादी के 70 बरस बाद भी हिंदुस्तान में ना तो शिक्षा आम आदमी तक पहुंच सकी और ना