भाई का शव हिंदुस्तान लाने के लिए दिल्ली में भटक रहा है फौजी

भाई का शव हिंदुस्तान लाने के लिए दिल्ली में भटक रहा है फौजी

एस के यादव

देश में नौकरी नहीं मिलने पर अक्सर घर की माली हालत सुधारने के लिए गांव के नौजवान दुबई, सऊदी अरब, मलेशिया जैसे देशों की ओर रुख करते हैं । बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में काम करने, भेड़, ऊंट चराने से लेकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नौकरी करने जाते हैं । लगातार 2 से 3 साल तक घर नहीं आते । पाई-पाई जोड़कर अपने घर की हालत सुधार कर एक तरह से भारत का ही निर्माण करते हैं । लेकिन विदेशों मेंअगर उनके साथ कोई अनहोनी हो जाए तो परिवार के लिए मुसीबत आ जाती है । सबसे बड़ी समस्या होती है कि विदेश में उनकी कौन मदद करेगा ? पढ़े लिखे परिवार दाएं बाएं से संपर्क निकाल कर अपनी समस्या दूर कर लेते हैं । लेकिन गरीब परिवारों के लिए बहुत मुश्किल होता है ।

पिछले 4 दिन से मैं बलिया के छोटेलाल राम के शव को सऊदी अरब से लाने के लिए सुषमा स्वराज से लेकर यूपी के नेताओं से अपील कर रहा हूं । मृतक छोटेलाल के परिवार की मदद की जाए । लेकिन सुनने को कोई तैयार ही नहीं है । 14 जून 2017 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के निवासी छोटेलाल की सऊदी अरब के रियाद में मौत हो गई । 33 साल के छोटेलाल राम अल खाबरा कंपनी में काम कर रहे थे उसी दौरान उनकी मौत हो गई । ये खबर घर वालों को मिली तो उन्हें गहरा धक्का लगा । लेकिन अब वो कर भी क्या सकते थे । उनके सामने शव को हिंदुस्तान लाने की चुनौती थी । बलिया जिले के पकड़ी थाना क्षेत्र का रहने वाला ये परिवार सऊदी अरब सरकार को चिट्ठी लिखी, विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दरवाजा खटखटाया लेकिन कहीं से कोई मदद अब तक नहीं मिली । छोटेलाल राम का देहांत हुए एक महीना हो गया लेकिन अभी तक शव भारत नहीं आया । परिवार अपने बेटे का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक करना चाहता है ।

मृतक छोटेलाल राम का भाई सेना में हैं। नौकरी से छुट्टी लेकर दिल्ली में पागलों की तरह घूम रहे हैं। सुषमा स्वराज के दरवाजे पर जाने के बावजूद मदद नहीं मिल रही है । एक फौजी भाई के शव लाने के लिए परेशान है। मैं पिछले 4 दिन से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, बीजेपी के प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी से लेकर बलिया पुलिस तक को ट्वीट कर मदद की अपील कर रहा हूं । लेकिन ना तो विदेश मंत्रालय से कोई प्रतिक्रिया मिल रही है और ना ही पत्रकार से नेता बने शलभमणि त्रिपाठी ने कोई पहल की । हालांकि इस बीच बलिया पुलिस के पीआरवो ने मुझसे बात की और पीड़ित परिवार को मिलने के लिए बुलाया । 13 जुलाई 2017 को पीड़ित परिवार ने अपर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। मैंने पुलिस से मामले में अपडेट लिया तो उनका जवाब था कि ‘इनके मामले को अपर पुलिस अधीक्षक के सामने रखा गया था जल्द ही उचित कार्यवाही की जाएगी।’

पुलिस इस मामले में अब थोड़ी सक्रीय हुई है । उम्मीद है कि बलिया जिले के एसपी पीड़ित परिवार की पूरी मदद करेंगे और अपने स्तर से सरकार से बात कर मृतक छोटेलाल का शव हिंदुस्तान लाने में सहयोग करेंगे । मन में एक सवाल है कि पाकिस्तानियों तक की मदद करने वाली सुषमा स्वराज ट्वीटर पर ना सही उनके दफ्तर में मदद के लिए गुहार लगाने वालों की मदद करने में इतनी देरी क्यों कर रही है ?