थोड़ा खर्च और किसानों को 100 गुना मुनाफा

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अरुण यादव

गांवों में गेहूं की कटाई-मड़ाई हो चुकी हैं । लगन बारात भी निपटा चुका है लिहाजा किसान कुछ फुरसत में होंगे । इस वक्त गांव फोन करिये तो हर किसी से एक ही जवाब मिलता है अभी कोई काम नहीं । ऐसे में सवाल है कि क्या किसान अपना वक्त यूं ही तो नहीं बर्बाद कर रहा । यही सब सवाल मुझे परेशान कर रहे थे । सोचा आखिर छोटे-मझोले किसान कब तक यूं ही अपना वक्त बर्बाद करते रहेंगे लिहाजा इन सवालों के जवाब तलाशने मैंने दिल्ली के पूषा केंद्र का रुख किया जहां मेरी मुलाकात फूड साइंस टेक्नोलॉजी डिविजन में प्रोफेसर एसके झा से हुई । एसके झा किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार परक उद्योग लगाने जैसे विषय पर लंबे वक्त पर काम कर रहे हैं ।

एसके झा जी के सामने जब मैंने गांव की समस्याएं गिनानी शुरू की तो उन्होंने ये माना कि दिल्ली रहते हुए वे लोग भी ये बाते महसूस जरूर कर रहे हैं लेकिन अभी उसे दूर करने को लेकर कोई योजना नहीं बन पाई है । एसके सर झा ने किसानों के लिए तमाम योजनाओं और उनकी खामियों पर खुलकर बात की । करीब तीन घंटे तक हम लोग साथ रहे । उसके कुछ अंश हम आपसे साझा कर रहे हैं ।IMG-20160408-WA0034

बदलाव– किसान आज खुदकुशी को मजबूर क्यों है ?

एसके झा- किसानों की खुदकुशी का सबसे बड़ा कारण कर्ज है जिसकी भरपाई वो अपनी फसलों से नहीं कर पाते और ब्याज बढ़ता रहता है बैंक या साहुकार के दबाव को वो सह नहीं पाते और अपनी जान दे बैठते हैं जो हमारे समाज के लिए लिए किसी शर्म से कम नहीं ।

बदलाव किसान खेतों में इतनी मेहनत करता है फिर उसे मुनाफा क्यों नहीं मिलता ?

एसके झा- आज भी देश के ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती ही करते हैं, लेकिन आज जरूरत है टेक्निकल खेती की जिससे वो अपनी पैदावार बढ़ा सके और उससे मुनाफा भी कमा सके । यही नहीं थोड़ी सी मेहनत करके वो अपना मुनाफा 100 गुना तक बढ़ा सकते हैं ।

IMG-20160408-WA0009बदलाव 100 गुना मुनाफा? वो कैसे, विस्तार से समझाइए ?

एसके झा- मान लीजिए किसान मक्के की फसल काटी । अगर वो बाजार में उसे बेचने जाएगा तो प्रति किलो उसे कितना मिलेगा ज्यादा से ज्यादा 10 रुपये या फिर उससे थोड़ा ज्यादा, लेकिन अगर थोड़ी की मेहनत और पैसा खर्च किया जाए तो किसान इसे 300 रुपये किलो तक बेच लेंगे ।

बदलाव– ये सब कैसे मुमकिन होगा, किसानों को क्या करना होगा ?

एसके झा- देखिए सबसे पहले तो किसानों को एक समूह बनाना होगा । समूह में कम से कम 100 ऐसे युवा और अनुभवी किसान हों जो पढ़े लिखे भी हों और रोजगार की थोड़ी समझ भी हो । जिन किसानों के पास थोड़ा पैसा हो वो अपना प्लांट लगाए मेरा मतलब फूड प्रॉसेसिंग से जुड़ा जिसके लिए सरकारें भी मदद करती हैं । उदाहरण के लिए अगर आप कार्न पफ का प्लांट बैठाते हैं तो उसमें ज्यादा खर्च भी नहीं होगा और एक ही मशीन से कई और अनाज के फ्लैक्श बनाकर बाजार में बैक बंद सामान बेच सकते हैं । इससे एक तो गांव में रोजगार भी पैदा होगा और किसानों को उचित दाम भी मिलेगा ।

बदलाव किसान ऐसे कौन-कौन से काम है जो आसानी से कर सकते हैं ?

एसके झा- किसान बहुत आसानी से मक्का, बाजरा समेत तमाम फसलों के पफ बना सकता है । इसके अलावा सोया नट, चना नट बनाकर बाजार में पैकिंग कर बेच सकते हैं । अच्छी बात ये है कि इसमें ज्यादातर उत्पाद एक ही प्लांट में बनाए जा सकते है ।IMG-20160408-WA0022

बदलाव– इसमें कितना खर्च होगा और पैसा कहां से आएगा ?

एसके झा- जैसा की मैंने पहले ही कहां सरकार किसानों के लिए तमाम योजनाएं चलाती है उसके तहत किसान छूट का लाभ लेकर प्लांट लगा सकते हैं । पफ बनाने 50 हज़ार से 2 लाख तक खर्च होता है । जैसी मशीन लेंगे वैसा खर्च होगा लेकिन शुरुआत छोटे स्तर से किसान कर सकते हैं ।

बदलाव किसानों को इन सब बारे में जानकारी कैसे मिलेगी ?

एसके झा- सबसे पहले तो किसानों को अपने जिला कृषि केंद्र जाना चाहिए या फिर किसान कॉल सेंटर से बात करनी चाहिए । अगर कॉल सेंटर से सही जवाब न मिले तो जिला कृषि अधिकारी से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी और ट्रेनिंग ली जा सकती है । फिर भी अगर कोई रास्ता न निकले तो पूषा केंद्र दिल्ली किसानों की हर संभव मदद के लिए तैयार बैठा है ।

IMG-20160408-WA0008बदलाव क्या पूषा किसानों के लिए कोई ट्रेनिंग चलाता है ?

एसके झा- बिल्कुल, समय-समय पर पूषा केंद्र में ट्रेनिंग दी जाती है, जिसका लाभ लेकर तमाम किसान आज अच्छी कमाई कर रहे हैं और अपने आस-पास के युवाओं को जागरुक भी बना रहे हैं । एक बात और पिछले कुछ महीने से पूषा के अधिकारी दिल्ली और आसपास के राज्यों में हफ्तेभर की ट्रेनिंग देने खुद जा रहे हैं । यकीन मानिये इसका काफी फायदा भी हो रहा है । हमें किसानों की समस्याएं जानने का अवसर मिल रहा है । लिहाजा हम उनके लिए अच्छी योजनाएं बना सकते हैं ।

बदलाव क्या किसान भाई आपसे सीधे जुड़ सकता है ।

एसके झा- बिल्कुल मैं हर पल किसानों के लिए तत्पर हूं । किसान मेरी ई-मेल आईडी पर कॉल कर सकते हैं या फिर मेरे नंबर पर कॉल कर सकते हैं । मेरा ई-मेल और मोबाइल नंबर है- 011-25848428 [email protected], skj[email protected]

बदलाव- धन्यवाद सर

नोट- बदलाव पर एसके झा के सुझावों की अगली किस्त जल्द आप तक बदलाव पहुंचाएगा ।



arun-profile1.jpg (709×960)अरुण यादव। उत्तरप्रदेश के जौनपुर के निवासी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र। इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सक्रिय।