फंदे से लटकी बेटी… तेरी कहानी कैसे कहें?

संत प्रसाद

sarika suicideलखनऊ में सारिका ने खुदकुशी की। इस पर तमाम ख़बरें चल रही हैं। सोशल साइट्स पर भी लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इंडिया टीवी के पत्रकार प्रियदर्शन ने वहीं के साथी पत्रकार संत प्रसाद की स्क्रिप्ट अपने फेसबुक वॉल पर साझा की। असंवेदनशील कहे जाने वाले इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों में भी कभी -कभी संवेदनाएं हिलोरें मारती हैं। संत प्रसाद की ये स्क्रिप्ट तो यही एहसास कराती है। सारिका पर इंडिया टीवी पर प्रसारित इस स्टोरी की स्क्रिप्ट जस की तस।

वीओ-1 ((पंखे.. और कुर्सी वाले विजुअल से))

कहां से शुरू करें ये कहानी…इस लड़की की खामोश तस्वीर से जिसने अपनी चुन्नी को फंदा बना कर खत्म कर ली ज़िंदगी या कलेजा चीर देने वाले इस पिता के दर्द से जो सफेद कफन में लिपटी अपनी बिटिया के बेजान शरीर से फफक फफक कर रो रहा है…कहां से शुरू करें…इस बिलखती मां के दर्द से…या चाचा के आंसुओं से…इस कमरे की दरो-दीवारों पर चस्पा उस हसीन सपने से जहां ज़र्रे ज़र्रे में मौजूद हैं मुस्कुराती सारिका की आखिरी निशानियां… कहां से शुरू करें इस कहानी को…इस फोन की गवाही से या आम आदमी की हिफाज़त का ढोंग करने वाली इस खाकी के गुनहगारों से…जिसे शायद मौत का पंचमाना करने की आदत सी पड़ गई है…तो देखिए यूपी के मुख्यमंत्री जी…सुनिए समाजवादी सूबे के नीति नियंता…एक एक शब्द..एक एक लफ्ज़…ध्यान से सुनिए

बाइट- पिता की
((बबल- हमारे परिवार को बर्बाद कर दिया. हमारा परिवार बर्बाद हो गया))

सारिका का शिकायत पत्र
सारिका का शिकायत पत्र

वीओ-2
बेटी को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देखने का दर्द जानते हैं आप… देखिए यहां सब रो रहे हैं… मां… AMB दादी.. AMB चाची.. AMB सब के सब… जानते हैं क्यों? बेटी ने आत्महत्या कर ली है… फंदे से लटकने पर मजबूर कर दिया उसे… पहले एक सिरफिरे ने… फिर गूंगे बहरे सिस्टम ने…
डॉक्टर बनना चाहती थी वो..लखनऊ में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी…अक्सर कहती कि एक लड़का उसे परेशान करता है… उसी लड़के की तस्वीर है ये… इसकी हिमाकत हदें पार करने लगी तो सारिका ने उसका फोन रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया…

((एंबिएंस-
सारिका की आवाज
सारिका- हैलो
अजय-………
सारिका- क्यों फोन किया ?
अजय-………))

sarika aropiअजय नाम है इस लड़के का...इसी की शिकायत करने के लिए सारिका ने लगातार तीन दिन हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाया..किसी ने नहीं सुना…पास के पुलिस थाने में फोन किया…किसी ने नहीं उठाया… इसके बाद उसने ख़त्म कर ली अपनी ज़िंदगी।

((बाइट- बहन की 1090 वाली)) शालिनी गुप्ता, छोटी बहन

सारिका हर उस चौखट पर गई थी जहां से उसे उम्मीद थी… टूटने लगी थी उसकी उम्मीद… बिखरने लगी थी सारिका… कॉलेज जाने में डरती थी, परीक्षा देने में डरती थी… घर से निकलने में डरती थी… शुक्रवार को इम्तिहान देकर लौटी… सिर दर्द की बात कही.. अपने कमरे में गई..और इसके बाद… इसके बाद कमरे से निकला उसका शव।

पिता की 2 विंडो बाइट बीच में लड़की का विजुअल

अब सब सारिका की कहानी सुन रहे हैं… अब पुलिस भी आ गई है… डायरी भी ले आई है… उसी कुर्सी पर कागज़ी खानापूर्ति हो रही है, जहां सारिका बैठ कर डॉक्टर बनने के ख्वाब बुनती थी… अब तो कतारबद्ध हो कर कानून के रखवाले भी खड़े हैं घर के आगे…लेकिन कोई बताएगा उस वक्त कहां थे सब… जब एक लड़की अपनी ज़िंदगी के लिए गुहार लगा रही थी…

2 विंडो बाइट बीच में विजुअल

कोई बताएगा इसे सुसाइड कहें या कत्ल…कोई बताएगा कि क्या सज़ा मिलेगी कानून के उन खिदमतगारों को, जिनके नक्कारेपन ने एक बेटी की ज़िंदगी खत्म कर दी… जवाब ज़रूरी है.. वरना यही कहना पड़ेगा कि धिक्कार है ऐसी पुलिस पर… धिक्कार है ऐसे सिस्टम पर…


sant prasad profileसंत प्रसाद। बक्सर के निवासी संत प्रसाद ने इन दिनों गाजियाबाद में डेरा डाल रखा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र। जी न्यूज, न्यूज 24 समेत कई चैनलों में अनुभव बटोरा। फिलहाल इंडिया टीवी में वरिष्ठ संपादकीय सहकर्मी।


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