पिंडी में गांव की गरिमा का महोत्सव

 

सत्येंद्र कुमार

पिंडी महोत्सव, फोटो- बृजेश धर दुबे
पिंडी महोत्सव, फोटो- बृजेश धर दुबे

तेरे शहर से तो कहीं अच्छा है मेरा गांव।

चमक रहा है, दमक रहा है, महक रहा है।

दिल्ली में रहकर महसूस कर रहा हूं कि मेरा गांव कितना चहक रहा है, बदल रहा है। यूं तो गांव में हर साल दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा समेत तमाम सांस्कृतिक और खेल कूद के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। लेकिन इस बार कुछ अलग, कुछ नया, पूरे गांव को जोड़ने, भाईचारा बढ़ाने और गांव की गरीमा के लिए गांव महोत्सव यानि पिंडी महोत्सव मनाया गया। ग्राम पिंडी के लोगों ने पहली बार पिंडी महोत्सव का आयोजन किया। 1 से 11 अक्टूबर तक चले इस महोत्सव में पूरा गांव एक साथ दिखा। छोटी-छोटी घटनाओं से गांव में दूरियां बढ़ गई थीं लेकिन पिंडी महोत्सव ने उन खाइयों को पाटकर सबको एक साथ आने का मौका दे दिया।

पंडित जनार्दन शास्त्रीजी महाराज
पंडित जनार्दन शास्त्रीजी महाराज

पिंडी, घाघरा (सरयू) नदी के किनारे बसा यूपी के देवरिया जिले का ऐतिहासिक गांव है। बालू के पिंड के नाम पर इस गांव का नाम पिंडी पड़ा। जानकार बताते हैं कि, बाबा कन्हाई पति जी महाराज बालू के पिंड पर रोजाना जल अर्पित करते थे, फिर भी बालू का पिंड अपनी अवस्था में बना रहता था और इसी वजह से गांव का नाम पिंडी रखा गया। यहीं से होकर राम जानकी मार्ग भी गुजरता है। पंडितों के पंडित कमलापति त्रिपाठी का संबंध भी पिंडी गांव से रहा है। गांव की शिक्षा में बबुआ जी का बड़ा योगदान है।

इतने बड़े और अच्छे आयोजन की जानकारी मुझे सोशल मीडिया से तब मिली जब पिंडी महोत्सव के संरक्षक बृजेश धर दुबे ने फेसबुक वॉल पर महोत्सव की कुछ तस्वीरें पोस्ट की। तस्वीरों को देखकर जब मैंने कमेटी के संरक्षक से बात की तो उन्होंने बताया कि, पूरे दस दिन तक सुबह-शाम मंगलगीत और जयकारों की गुंज सुनाई दे रही थी। वृंदावन से आए पंडित जनार्दन शास्त्रीजी महाराज ने रामकथा के जरिए मर्यादा का पाठ पढ़ाया तो वहीं कृष्ण महात्म की चर्चा कर गीता सार का उपदेश भी दिया।

कम समय में इस महोत्सव का आयोजन किया गया। कमेटी के संरक्षक बृजेश धर दुबे, अध्यक्ष अनुराग वैश्य, महासचिव जितेंद्र और अर्जुन पटेल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पिंडी महोत्सव का सफल आयोजन किया और आगे भी हर साल पिंडी महत्सव मनाने का प्रण लिया ताकि ग्रामीणों के बीच भाईचारा,  एकजुटता और रिश्तों की मिठास बनी रहे।

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सत्येंद्र कुमार यादव फिलहाल इंडिया टीवी में कार्यरत हैं और गांव अब भी उनके दिल में धड़कता है। उनसे मोबाइल- 9560206805 पर संपर्क किया जा सकता है।


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