पटना में राष्ट्रीय रंग महोत्सव – फाइनल कॉल की पहली घंटी

पशुपति शर्मा

अनु आनंद राष्ट्रीय रंग महोत्सव का मंच तैयार है। 20 सितंबर शाम 6.30 बजे होगी विवेचना, जबलपुर की प्रस्तुति।
अनु आनंद राष्ट्रीय रंग महोत्सव का मंच तैयार है। 20 सितंबर शाम 6.30 बजे होगी विवेचना, जबलपुर की प्रस्तुति।

रंगकर्मी दोस्तो। पहली घंटी बज गई है। बस तीन दिन बाद पटना में रंग महोत्सव शुरू हो रहा है। मंच तैयार है। अनु आनंद सांस्कृतिक मंच ने जो राष्ट्रीय रंग महोत्सव का खाका खींचा है, उससे पर्दा उठने वाला है। आयोजकों की धड़कनें तेज होना लाजिमी है, लेकिन इस महोत्सव में शामिल होने जा रहे कलाकारों की भी बेचैनी कम नहीं है। रिहर्सल का आखिरी दौर। लाइनों को रट्टा मारते कलाकार। ब्लॉकिंग को बार-बार जेहन में घुमा रहे हैं।

20 सितंबर को पूर्णिया के कथाकार चंद्रकिशोर जायसवाल की किस्सागोई का अंदाज नाटक ‘सिपाही’ में दिखेगा और इसके साथ ही शुरू हो जाएगा रंग महोत्सव। ये प्रस्तुति मध्यप्रदेश के ग्वालियर की संस्था रूपकथा की ओर से की जा रही है। इसके बाद सात दिनों तक दर्शक और रंगकर्मियों का आमना-सामना होता रहेगा। प्रस्तुतियों का अनवरत सिलसिला जारी रहेगा। किसी दिन दो तो किसी दिन तीन नाटकों को रसास्वादन। वाह क्या बात है, क्या मौका है पटना के वासियों के लिए।

12 राज्यों की 19 प्रस्तुतियों को जुटाना अनु आनंद सांस्कृतिक मंच के लिए आसान नहीं था। दिन की प्रस्तुतियां प्रतियोगिता का हिस्सा रहेंगी तो शाम की प्रस्तुतियों में सिद्धहस्त और मशहूर नाट्य समूहों का अंदाज दिखेगा। ये एक दो तरफा संवाद होगा। सीखने का मौका होगा। खुद को समझने और आगे रंगमंच पर काम करने की ऊर्जा हासिल होगी। पहले दिन शाम 6 बजे जबलपुर की संस्था विवेचना का नाटक निठल्ले की डायरी का मंचन होगा। हरिशंकर परसाई के व्यंग्य की चुभन महसूस होगी।

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अनु आनंद सांस्कृतिक मंच के सचिव मणिकांत चौधरी ने फेसबुक वॉल पर मन की बातें (पीएम ही नहीं रंगकर्मी भी कर लेते हैं) शेयर की हैं। मणिकांत चौधरी को उम्मीद है कि पटना में ये उत्सव रंगकर्मियों में नया जोश भरने में कामयाब रहेगा। नाटकों के दर्शकों को लेकर उनके मन में कुछ ऊहापोह भी है लेकिन भरोसा भी कि अच्छे प्रयास होंगे तो घरों से नाट्यगृहों तक दर्शक कैसे नहीं आएंगे? अनु आनंद सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष विमल कुमार के मन में भी लगातार दो नाटकों के मंचन को लेकर दुविधा रही होगी, लेकिन संस्था के साथियों को उम्मीद है कि इस प्रयोग के सफल होने से पटना के रंगमंच को एक नई दिशा मिल सकती है।

अब महोत्सव को शुरू होने में बस चंद घंटे ही तो बचे हैं। काउंटडाउन शुरू हो चुका है। अगर आपने अपना टिकट नहीं लिया है, तो देर किस बात की है। प्रेमचंद रंगशाला में होने वाले इस नाट्य समारोह की लिस्ट से अपना पसंदीदा शो चुनें और अपनी एक सीट बुक कर लें। आप दर्शकों के बूते ही तो कलाकार नए सपने बुनते हैं।


at indiatvपशुपति शर्मा ।बिहार के पूर्णिया जिले के निवासी हैं। पिछले डेढ़ दशक से पत्रकारिता में सक्रिय। रंगकर्म से गहरा लगाव रहा है। पूर्णिया, भोपाल और दिल्ली में कई नाट्य प्रस्तुतियों में मंच पर और मंच परे शिरकत की। उनसे 8826972867 पर संपर्क किया जा सकता है।


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