रवीन्द्रक परंपरा निभा रहल छथि पोती परंपरा

सत्येंद्र कुमार

पूर्णिया की परंपरा।
पूर्णिया की परंपरा।

मिथिलांचल-कोसी में दादा जी चलू-चलू बहिना गीत गा कर बिहारियों का दिल जीत लिया करते थे तो वहीं पोती ने वन टू चा चा  चा… ईना मीना डीकाजैसे गीत गाकर  लोगों का मन मोह लिया। सुरों की जंग ‘द वॉयस इंडिया’ में भले ही उत्तराखंड के चंपवात में रहने वाले पनदीप विजेता बने लेकिन पूर्णिया की परंपरा ने तीसरे स्थान पर रह कर भी लोगों का दिल जीत लिया। पूर्णिया की धीया (बेटी) परंपरा और उत्तराखंड के च्याल (बेटा) पवन के मुकाबला भी बेहद दिलचस्प था।

मुक़ाबला ख़त्म हो गया लेकिन परंपरा और उसके सुर लोगों के जेहन में गूंज रहे हैं।  वो हार कर भी लोगों का दिल जीत ले गईं।  परंपरा ने फेसबुक पर लोगों के भरोसे और स्नेह का शुक्रिया कहा-  ‘द वॉयस इंडिया का अनुभव मेरी जिंदगी के बेहतरीन अनुभवों में से सबसे खास है। मैं आपके विश्वास, प्यार और आशीर्वाद की विजेता हूं।’

28 फरवरी 1992 यूपी के नोएडा में जन्मी, पूर्णिया के धमदाहा की रहने वाली परंपरा ठाकुर ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई की। दिल्ली में संगीत की शिक्षा भी देती हैं। परंपरा ठाकुर मैथिली के प्रख्यात साहित्यकार और रंगकर्मी रविंद्रनाथ ठाकुर की पोती हैं, जिन्होंने मैथिली की पहली फिल्म ‘ममता गायब गीत’ के गाने लिखे थे। परंपरा के पिता अवनींद्र ठाकुर और माता संगीता ठाकुर भी गायकी से जुड़े रहे हैं। मां संगीत ठाकुर भी स्थानीय स्तर पर गायन में अपना एक स्थान बना चुकी हैं। मां संगीता ने परंपरा को बचपन में शास्त्रीय संगीत सिखाया। तीन साल की उम्र से कत्थक नृत्य और शास्त्रीय संगीत से जुड़ी हैं। म्यूजिक और नृत्य में स्नातक भी किया है। मिथिलांचल-कोसी की बेटी परंपरा ठाकुर सुगम संगीत से अपना रिश्ता जोड़ और जोरदार गायकी से पूर्णिया का नाम रोशन कर रही हैं।

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सत्येंद्र कुमार यादव फिलहाल इंडिया टीवी में कार्यरत हैं । उनसे मोबाइल- 9560206805 पर संपर्क किया जा सकता है।


आप https://www.youtube.com/watch?v=j7dcBL7lWSw या http://www.thevoiceindia.in/ पर पूर्णिया की परंपरा की जादुई आवाज सुन सकते हैं।