खेती करने वाले विधायक मनोहर रंधारी का मुरीद पूरा देश

खेती करने वाले विधायक मनोहर रंधारी का मुरीद पूरा देश

खेत में हल लेकर जाते विधायक मनोहर रंधारी

बदलाव प्रतिनिधि, ओडिशा

कंधे पर हल, हाथ में फावड़ा और खेत में धान की रोपाई करने वाला ये शख्स कोई आम किसान नहीं बल्कि एक विधायक हैं जो कोरोना संकट काल में लॉकडाउन के दौरान दूसरे नेताओं की तरह घर पर बैठने की बजाय खेत में पसीना बहाना बेहतर समझा । इनका नाम है मनोहर रंधारी । ओडिशा के नवरंगपुर जिले के डाबुगां विधानसभा क्षेत्र से बीजू जनता दल के विधायक हैं । ऐसा नहीं है कि मनोहर रंधारी सिर्फ कोरोना काल में नहीं बल्कि हमेशा वो 2 महीने खेत में पसीना बहाते हैं । मनोहर रंधारी खेती को अपनी जीविका और धर्म मनाते हैं । विधायक मनोहर कहते हैं कि खेती करने से मुझे आत्म संतुष्टि मिलती है, खुशी मिलती है। मैं पिछले तीन बार से लगातार विधायक बनकर लोगों की सेवा कर रहा हूं, मैं अपनी जीविका एवं धर्म से कभी अलग न हुआ हूं और ना ही कभी अलग होना है। बचपन से ही मैं खेतों में जाकर खेती करना सीखा है और आज भी पारंपरिक एवं आधुनिक तरीके से खेती करता हूं। खेत जोतने के साथ धान की रूपाई करता हूं, मक्के की खेती करता हूं।

विधायक के खेती करने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। विधायक के खेती करने का वीडियो मीडिया में वायरल होने के बाद उन्हें उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू,  मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर उनके काम की सराहना की । उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के ट्वीट करने के बाद से ही विधायक रंधारी को बधाई देने का मानों तांता लग गया है। उपराष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा है कि प्रेरणास्पद! ओडिशा के विधायक मनोहर रंधारी साल में दो महीने खेतों में मेहनत करते हैं। उनका कहना है कि युवाओं को खेतों में काम करने में शर्माना या हिचकना नहीं चाहिये।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर लिखा है कि विधायक साल में दो महीने में खेतों में काम कर हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम कर रहे हैं। अन्य लोगों को भी तीन बार के इस विधायक के का अनुकरण करना चाहिए। विधायक मनोहर सुबह उठने के बाद आम किसानों की तरह ही लुंगी गमझा लपेटकर खेत में चले जाते हैं । हल से खेत की जुताई करते हैं। फसलों की निराई करते हैं और धान से सीजन में खुद खेत में धान की रोपाई भी करते हैं ।मनोहर जी कहते हैं कि मैं राजनीति में सेवा करने के लिए आया हूं। लोगों की सेवा करने के साथ ही खेती का कार्य मेरी जीविका है। मेरे पास 25 एकड़ जमीन है। मेरे पिता एवं दादा जी भी खेती करते थे। बचपन में मैंने अपने पिता एवं दादा जी से खेती का जो काम सीखा आज उसे खुद कर रहा हूं । मनोहर जी हर साल में धान के मौसम में धान की खेती करने के साथ ही मक्के की खेती करते हैं । विधायक ने आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर युवा वर्ग को खेती करने की भी सलाह दी है। खेती से जो कमाई होती है है  उसे वो लोगों में ही खर्च कर देते हैं। हर विधायक जी के यहां 100 से 200 लोग भोजन करते हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्वीट कर लिखा है कि विधायक साल में दो महीने में खेतों में काम कर हमारी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम कर रहे हैं। अन्य लोगों को भी तीन बार के इस विधायक के का अनुकरण करना चाहिए। विधायक मनोहर सुबह उठने के बाद आम किसानों की तरह ही लुंगी गमझा लपेटकर खेत में चले जाते हैं । हल से खेत की जुताई करते हैं। फसलों की निराई करते हैं और धान से सीजन में खुद खेत में धान की रोपाई भी करते हैं ।मनोहर जी कहते हैं कि मैं राजनीति में सेवा करने के लिए आया हूं। लोगों की सेवा करने के साथ ही खेती का कार्य मेरी जीविका है। मेरे पास 25 एकड़ जमीन है। मेरे पिता एवं दादा जी भी खेती करते थे। बचपन में मैंने अपने पिता एवं दादा जी से खेती का जो काम सीखा आज उसे खुद कर रहा हूं । मनोहर जी हर साल में धान के मौसम में धान की खेती करने के साथ ही मक्के की खेती करते हैं । विधायक ने आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर युवा वर्ग को खेती करने की भी सलाह दी है। खेती से जो कमाई होती है है  उसे वो लोगों में ही खर्च कर देते हैं। हर विधायक जी के यहां 100 से 200 लोग भोजन करते हैं।

विधायक मनोहर रंधारी ने बताया पढ़ाई खत्म करने के बाद जब 1997 में उन्हें रेवन्यु विभाग में क्लर्क की नौकरी मिली तो जो पैसा मिलता था उससे वो समाज सेवा के काम में खर्च कर देते थे ।गरीबों को खाना खिलाना हो या फिर किसी गरीब के बच्चे की फीस भरनी हो मनोहर जी उसे पूरा करने की कोशिश करते । मनोहर जी के सेवा भाव को देखकर लोग उनका काफी आदर करने लगे । धीरे-धीरे मनोहर जी की चर्चा पूरे क्षेत्र में होने लगी और वो उन्हें जल्द ही आदिवासी विकास परिषद का अध्यक्ष बना दिया गया । यही नहीं वो  दलित विकास परिषद के सचिव, भत्रा समाज के सचिव भी रहे । मनोहर जी ने अपने क्षेत्र में शराब मुक्ति आन्दोलन चलाया जिससे लोगों को लाभ हुआ। इसी बीच लोगों ने जनप्रतिनिधि बनने की मांग करने लगे और फिर जनता ने उन्हें 2009 और फिर 2014 में नवरंगपुर विधानसभा क्षेत्र विधायक चुना और 2019 में डाबूगां विधानसभा क्षेत्र की जनता का सेवा करने का उन्हें मौका दिया ।

विधायक ने बताया कि किसी भी क्षेत्र का विकास शिक्षा के जरिए सम्भव है। ऐसे में वो लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित करते हैं । उनका कहना है कि आज भी हमारा क्षेत्र विकास के लहजे से कई मायने में पीछे है। खासर इलाके में सिंचाई और फूड प्रोसेसिंग यूनिट यदि बन जाती है तो इलाके का भला हो जाता है। उन्होंने अपने क्षेत्र में धान प्रोसेसिंग यूनिट खोलने की भी मांग की है  ताकि इसका सीधा फायदा किसानों को मिल सके। आज भी लोगों के पास पक्का घर नहीं है, सबको शुद्ध पेयजल नहीं मिल पा रहा है जिसके लिए नियमित प्रयास कर रहे हैं। विधायक ने कहा कि हमारा प्रयास है शिल्प आधारित खेती के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना, जिस पर मैं नियमित काम कर रहा हूं।